भोपाल, 13 अगस्त 2016
सटीक मृदा एवं पौध विश्लेषण के लिए उन्नत उपकरणों के रखरखाव और संचालन, प्रयोगशाला सुरक्षा नियम एवं इनके संचालन में सावधानियों से संबंधित नए कौशल विकसित करने के उद्देश्य से भाकृअनुप – भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन 8 अगस्त, 2016 को किया गया।
डॉ. जे.के. साहा (पाठ्यक्रम निदेशक) ने भाकृअनुप के मानव संसाधन प्रबंधन इकाई (मुख्यालय) द्वारा प्रायोजित छह दिवसीय ‘मिट्टी और पौध विश्लेषण के लिए उन्नत उपकरणों के रखरखाव व प्रयोग’ नामक प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उन्नत उपकरणों के संचालन हेतु तकनीकी स्टॉफ की कार्यकुशलता को बढ़ाने के लिए आयोजित किया गया। डॉ. डी.एल.एन. राव (राष्ट्रीय समन्वयक, जैव उर्वरक) ने प्रयोगशाला कार्य सिद्धांत और संबंधित सावधानियों के बारे में संक्षिप्त व्याख्यान दिया। आयोजक संस्थान द्वारा 20 उपकरणों पर आधारित 23 व्यावहारिक एवं सैद्धांतिक कक्षाएं प्रशिक्षकों द्वारा संचालित की गई। उपकरणों के संचालन से जुड़े कार्य सिद्धांत, संचालन प्रक्रिया और आवश्यक सावधानियों तथा मापन के लिए गणना प्रक्रिया को भी प्रशिक्षण सत्र में शामिल किया गया। प्रशिक्षुओं को इंड्यूस्ड कपल्ड प्लाज्मा इमिसन स्पेक्ट्रोस्कोप (आईसीपीई), गैस-क्रोमाटोग्राफी (जीसी), एटोमिक एब्जार्प्सन स्पेक्ट्रोस्कोप (एएएस), मिड – इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोप, पोर्टेबल एक्स-रे फ्लोरेस्सेंट स्पेक्ट्रोस्कोप (पी-एक्सआरएफ) आदि उन्नत उपकरणों से भी प्रशिक्षुओं को परिचित कराया गया।
इसी क्रम में प्रतिभागियों को व्याख्यानों से संबंधित पाठ्य सामग्री दी गई। इसके साथ ही इस क्षेत्र में प्रचलित कृषि पद्धतियों, मृदा के प्रकार और मृदा संबंधित समस्याओं व प्रबंधन की जानकारी के लिए खेतों को भी दिखाया गया। डॉ. ए.के. पात्र (निदेशक) ने देश के 9 राज्यों में स्थित 16 संस्थानों के 23 प्रतिभागियों को इस प्रशिक्षण की उपयोगिता एवं महत्व के बारे में जानकारी दी।
(स्रोतः भाकृअनुप – भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल)
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