‘शुष्क क्षेत्र में किसानों की आमदनी बढ़ाने हेतु लघुस्तरीय उद्यम’ विषय पर 1-8 नबम्बर, 2016 तक मॉडल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का आयोजन भाकृअनुप – केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, जोधपुर द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम को विस्तार निदेशालय, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित किया गया।
डॉ. जी.एस. टुटेजा, निदेशक, मरूस्थलीय औषधीय अनुसंधान संस्थान (आईसीएमआर), प्रारंभिक सत्र के मुख्य अतिथि ने परिषद द्वारा लगभग एक अरब लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने संबंधी योगदान पर बल दिया।
डॉ. ओ.पी. यादव, निदेशक, भाकृअनुप – काजरी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में शुष्क क्षेत्र में किसानों की आय के लिए कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों में विभिन्न लघुस्तरीय उद्यमों की स्थापना हेतु उद्यमशीलता के घटकों को शामिल करने के लिए प्रतिभागियों से आग्रह किया।
डॉ. वी.पी. चहल, सहायक महानिदेशक (कृषि विस्तार) ने समापन संबोधन में शुष्क क्षेत्र में सीमांत व छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए लघुस्तरीय उद्यमशीलता के महत्व और वैश्विकरण के दौर में राष्ट्र निर्माण में इसकी भूमिका के बारे में चर्चा की।
कार्यक्रम में 29 अधिकारियों ने भाग लिया जिसमें जम्मू व कश्मीर से 4, दिल्ली से 3, पंजाब से 4, राजस्थान से 3, गुजरात से 2, आंध्र प्रदेश से 4, तमिलनाडु से 4, कर्नाटक राज्य से 6 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। पूरी पाठ्यक्रम सामग्री को उद्यमिता विकास की प्रक्रिया के बारे में एक व्यापक समझ प्रदान करने के लिए तैयार किया गया था।
(स्रोत: भाकृअनुप - केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, जोधपुर)
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