11- 12 सितंबर 2023, पुणे
भाकृअनुप-राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केन्द्र, पुणे ने राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी और सोसायटी फॉर एडवांसमेंट ऑफ विटीकल्चर एंड एनोलॉजी के सहयोग से वर्चुअल मोड में "कृषि अनुसंधान उत्पादकता को सशक्त बनाने के लिए अभ्यास में जनरेटिव एआई" पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया।
उद्घाटन एवं समापन दोनों सत्रों के मुख्य अतिथि, डॉ. एसडी सावंत, पूर्व कुलपति, डॉ. बालासाहेब सावंत कोंकण कृषि विद्यापीठ, दापोली, रत्नागिरी ने कृषि अनुसंधान में एक क्रांतिकारी उपकरण के रूप में जेनरेटिव एआई की क्षमता के बारे में बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि जैसे ही हमने लाभ प्राप्त करने के लिए इस नए क्षेत्र में कदम रखा तो सबसे ज्यादा फोकस इसके नैतिक विकास और जिम्मेदारी पूर्वक उपयोग पर रहा।
डॉ. सी.एन. रविशंकर, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएफई, मुंबई ने उन्हें जलीय कृषि क्षेत्र में जेनरेटिव एआई के संभावित अनुप्रयोगों के बारे में जानकारी दी।
डॉ. कौशिक बनर्जी, निदेशक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केन्द्र, पुणे और संयोजक, एनएएएस ने तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी के साथ प्रासंगिक बने रहने के लिए कृषि शोधकर्ताओं के लिए जेनेरिक एआई सीखने और अपनाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने मानव बुद्धि के साथ संतुलन बनाए रखने का भी सुझाव दिया।
ऑनलाइन कार्यक्रम में दो दिनों के दौरान देश भर से 130 शोधकर्ता शामिल हुए। 30 व्याख्यान और छह मूल सिद्धान्तों ने कृषि अनुसंधान एवं विकास के लिए जेनेरिक एआई की व्यापक क्षमता पर प्रकाश डाला।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केन्द्र, पुणे)
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