पहली पीढ़ी की महिला उद्यमियों ने अपनी यात्राएं साझा कीं
2 दिसंबर, 2023, पंतनगर
पहला राष्ट्रीय महिला उद्यमियों का शिखर सम्मेलन आज उत्तराखंड के पंतनगर में जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जीबीपीयूएटी) में आयोजित किया गया। उसने 20 विविध क्षेत्रों की 55 से अधिक पहली पीढ़ी की महिला उद्यमियों को एक साथ लाया, जिन्होंने लगभग 600 छात्रों और संकाय सदस्यों के साथ अपनी उद्यमशीलता की यात्रा साझा की।
जीबीपीयूएटी छात्रों को एक व्यवहार्य करियर विकल्प के रूप में उद्यमशीलता का पता लगाने तथा उन्हें प्रेरित करने के लिए राष्ट्रीय कृषि और उच्च शिक्षा परियोजना (एनएएचईपी) के भाकृअनुप-संस्थागत विकास योजना (आईडीपी) घटक के हिस्से के रूप में यह अनोखा शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था। एनएएचईपी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप) और विश्व बैंक की एक संयुक्त पहल का उद्देश्य कृषि विश्वविद्यालयों (एयू) में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और इसकी प्रासंगिकता को बढ़ाना रहा है।
एनएएचईपी का परिणाम, पिछले पांच वर्षों की अवधि में 150 से अधिक अंतरराष्ट्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) के संपर्क से लाभान्वित होने वाले विभिन्न एयू के 2000 से अधिक छात्रों और 800 संकाय सदस्यों के साथ स्पष्ट है। उन्होंने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के 500 से अधिक उभरते क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके अलावा, इस परियोजना के कारण 616 से अधिक पायलट पाठ्यक्रमों का विकास हुआ, 10,000 से अधिक प्रशिक्षण सत्र पूरे हुए और उद्योग-संस्थान इंटरेक्शन सेल, प्लेसमेंट सेल, पूर्व छात्र नेटवर्क, कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रयोगशाला आदि की स्थापना हुई है।
शिखर सम्मेलन ने 55 महिला उद्यमियों को अपने उत्पाद प्रदर्शित करने के लिए एक मंच भी प्रदान किया। रसायन-मुक्त उत्पाद बनाने के लिए समर्पित उद्यम ‘ग्रीनएफेयर’ की संस्थापक कोमल जयसवाल ने आगामी दशक में कृषि-उद्यमिता की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा, "कृषि स्नातकों के लिए उद्यमिता को अपने सपनों के करियर के रूप में आगे बढ़ाने का इससे बेहतर समय नहीं हो सकता।"
डॉ. एस.के. कश्यप, पंतनगर में आईडीपी-एनएएचईपी के प्रधान अन्वेषक जिन्होंने पूरे शिखर सम्मेलन का नेतृत्व किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह आयोजन एक बार का मामला नहीं था, बल्कि उद्यमियों और उद्यमों के साथ दीर्घकालिक नेटवर्क स्थापित करने का एक प्रयास था। उन्होंने कहा, "इन नेटवर्कों का उद्देश्य छात्रों की क्षमता बढ़ाना और संस्थागत ढांचे को मजबूत करना है।"
(स्रोत: राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना)
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