भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता ने श्री अन्न मेला आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के साथ किया सहयोग

भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता ने श्री अन्न मेला आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के साथ किया सहयोग

11 नवंबर, 2023, कोलकाता

गृह मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वाधान में भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के बीच एक समन्वय तथा हावड़ा कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा प्रभावी निष्पादन के परिणामस्वरूप एक्शन एरिया परिसर III, न्यूटाउन, कोलकाता में आज एक दिवसीय ‘श्री अन्न मेला' का सफल आयोजन हुआ। इसका आयोजन अंतर्राष्ट्रीय श्री अन्न (मिलेट्स) वर्ष 2023 के वार्षिक उत्सव के एक भाग के रूप में एनएसजी के सेवारत कर्मियों तथा उनके परिवार के सदस्यों के बीच श्री अन्न के स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए किया गया था।

ICAR-ATARI, Kolkata collaborated with National Security Guard to organize Millet Mela  ICAR-ATARI, Kolkata collaborated with National Security Guard to organize Millet Mela

मेले का उद्घाटन एनएसजी के 29 स्पेशल कंपोजिट ग्रुप के ग्रुप कमांडर, कर्नल अनिल कुमार ने किया। इस अवसर पर भेजे गए एक संदेश में, डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता ने सफल सहयोग के लिए अपनी खुशी व्यक्त की और कम पानी की आवश्यकता के साथ जलवायु अनुकूल फसल के साथ-साथ मधुमेह जैसी विभिन्न बीमारियों से निपटने के लिए श्री अन्न के महत्व पर प्रकाश डाला। केवीके, हावड़ा ने अपने स्टाल में पोस्टर के माध्यम से श्री अन्न के पोषक मूल्य और उत्पादन प्रौद्योगिकियों के बारे में विभिन्न जानकारी प्रदर्शित की। एनएसजी के सभी सेवारत कर्मियों ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ विभिन्न स्टालों का दौरा किया तथा बाजरा से तैयार विभिन्न खाद्य पदार्थों का स्वाद लिया। केवीके, हावड़ा ने भी दो व्यंजन तैयार किये, यथा- श्यामा (बार्नयार्ड श्री अन्न) की खिचड़ी और कहोन (फॉक्सटेल श्री अन्न) की खीर, जिसे आये हुए लोगों ने खूब सराहा। ज्वार की खिचड़ी, बाजरा टिक्का, ज्वार का हलवा जैसे अन्य महत्वपूर्ण व्यंजन एनएसजी के कुछ सेवारत कर्मियों द्वारा तैयार किए गए और आगंतुकों के बीच वितरित किए गए।

उक्त मेले में लगभग 200 लोग एकत्र हुए और भाकृअनुप-अटारी के तहत हावड़ा केवीके की उपस्थिति की एनएसजी के अधिकारियों द्वारा अत्यधिक सराहना की गई।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)

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