भाकृअनुप-अटारी, लुधियाना ने फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना की समीक्षा कार्यशाला का किया आयोजन

भाकृअनुप-अटारी, लुधियाना ने फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना की समीक्षा कार्यशाला का किया आयोजन

10-11 सितंबर, 2023, लुधियाना

भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन- I, लुधियाना और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना ने संयुक्त रूप से फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) परियोजना पर एक समीक्षा बैठक आयोजित की। इस कार्यशाला में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश के सभी 60 सीआरएम कार्यान्वयन कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) ने भाग लिया।

ICAR-ATARI, Ludhiana organises Review Workshop of Crop Residue Management Project  ICAR-ATARI, Ludhiana organises Review Workshop of Crop Residue Management Project

उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि, डॉ. इंद्रजीत सिंह, कुलपति, गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना ने पारंपरिक सूखे चारे के स्रोतों के व्यवहार्य विकल्प के रूप में धान के भूसे का उपयोग करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को मानकीकृत करने के लिए समर्पित अग्रणी अनुसंधान प्रयासों पर जोर दिया। पशुधन के लिए उन्होंने ज्ञान के प्रसार और विविध फसल अवशेष प्रबंधन विकल्पों को अपनाने की सुविधा प्रदान करने में केवीके के नेतृत्व में की गई पहल के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पर भी जोर दिया।

समापन सत्र के मुख्य अतिथि, डॉ. रंजय कुमार सिंह, सहायक महानिदेशक (कृषि विस्तार), भाकृअनुप ने केवीके की विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा को नई ऊंचाइयों पर ले जाकर काम की गुणवत्ता तथा साक्ष्य-आधारित रिपोर्टिंग की अनिवार्यता पर जोर दिया।

भाकृअनुप-अटारी, लुधियाना के निदेशक, डॉ. परवेंदर श्योराण ने 2018-19 से 2022-23 तक चार राज्यों में केवीके द्वारा निष्पादित सीआरएम परियोजना की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने आगामी 'पराली प्रबंधन चेतना यात्रा' और 'प्रौद्योगिकी संवेदनशीलता-सह-जागरूकता पखवाड़ा' के लिए योजनाओं तथा रोडमैप जागरूकता कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की जिसका उद्देश्य अवशेष प्रबंधन के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, लुधियाना)

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