11 जून, 2025, नई दिल्ली
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप) तथा भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के बीच 11 जून, 2025 को एनएएससी कॉम्प्लेक्स, भाकृअनुप, नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया। समझौता ज्ञापन का उद्देश्य पारस्परिक लाभ, समानता एवं पारस्परिकता पर ध्यान केन्द्रित करते हुए मानकीकरण और अनुरूपता मूल्यांकन के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है।
भाकृअनुप के उप-महानिदेशक (कृषि इंजीनियरिंग), डॉ. एस.एन. झा तथा बीआईएस के वैज्ञानिक-जी और उप-महानिदेशक (मानकीकरण-II), श्री संजय पंत ने अपने-अपने संगठनों की ओर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। हस्ताक्षर समारोह डॉ. एम.एल. जाट, सचिव (डीएआरई) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) के साथ-साथ भाकृअनुप तथा बीआईएस दोनों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में आयोजित किया गया।

भाकृअनुप और बीआईएस ने मानकीकरण तथा अनुरूपता मूल्यांकन सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। समझौते के तहत, भाकृअनुप और बीआईएस बीआईएस तकनीकी समितियों के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर मानकीकरण गतिविधियों में भाग लेने के लिए मिलकर काम करेंगे। भाकृअनुप बीआईएस के समर्थन से मानकीकरण तथा अनुरूपता मूल्यांकन से संबंधित अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं भी शुरू करेगा। बदले में, बीआईएस भाकृअनुप की आरएंडडी पहलों के लिए बुनियादी ढांचा सहायता प्रदान करेगा जो मानकीकरण लक्ष्यों के लिए प्रासंगिक हैं।
इसके अलावा, दोनों संगठन मानकीकरण तथा अनुरूपता मूल्यांकन से संबंधित मुद्दों पर जागरूकता और ज्ञान-साझाकरण को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त रूप से सेमिनार, सम्मेलन, कार्यशालाएं, संगोष्ठी एवं व्याख्यान आयोजित करेंगे। समझौता ज्ञापन पांच साल की अवधि के लिए प्रभावी रहेगा और इससे देश में वैज्ञानिक अनुसंधान और मानकीकरण ढांचे के बीच सहयोग को मजबूत करने की उम्मीद है।
(स्रोत: कृषि इंजीनियरिंग प्रभाग, भाकृअनुप)
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