10 दिसंबर, 2023, पुणे
भाकृअनुप-पुष्प कृषि अनुसंधान निदेशालय, पुणे का आज यहां 14वां स्थापना दिवस मनाया गया।
मुख्य अतिथि, डॉ. एस.डी. सावंत, पूर्व कुलपति, डॉ. बीएसकेकेवी, दापोली ने फूलों की खेती करने वाले किसानों से प्राकृतिक फूलों के उपयोग को नया रूप देने और उसे बढ़ावा देने का आग्रह किया साथ ही अनुष्ठानों, कार्यक्रमों एवं त्योहारों के लिए वास्तविक फूलों के उपयोग को बढ़ावा देने प्लास्टिक के फूलों पर प्रतिबंध लगाने की जोरदार वकालत की।
सम्माननीय अतिथि, डॉ. अनिल खार, प्रमुख, भाकृअनुप-आईएआरआई, क्षेत्रीय स्टेशन, पुणे तथा डॉ. पंचभाई, डीन, पीडीकेवी, अकोला ने स्थापना दिवस समारोह के लिए डीएफआर टीम को बधाई दी।
डॉ. के.वी. प्रसाद, निदेशक, भाकृअनुप-डीएफआर ने पिछले एक वर्ष के दौरान पुष्प कृषि अनुसंधान निदेशालय की महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
गणमान्य व्यक्तियों ने "ब्लॉसम मिज: ट्यूबरोज में निदान और प्रबंधन" पर एक जागरूकता वीडियो भी जारी किया।
समारोह के हिस्से के रूप में "फूलों की खेती में उद्यमिता विकास के अवसर: एफपीओ/ स्टार्ट-अप गठन पर ध्यान" विषय पर एक कार्यशाला आयोजित की गई।
छात्रों, किसानों एवं ग्रामीण युवाओं के लिए उद्यमिता के विकल्प के रूप में पुष्प कृषि उत्पादन व्यवस्था को प्रदर्शित करने के लिए एक कौशल विकास सत्र आयोजित किया गया।
उत्सव में 175 से अधिक हितधारकों ने भाग लिया।
प्रतिभागियों ने गुलदाउदी (155), गुलाब (185), रजनीगंधा (36), ग्लेडियोलस (88), एस्टर (12) जैस्मीन (7), पोलिनेटर फ्रेंडली ऑर्नामल्स (61) जैसी फसलों की व्यापक विविधता वाले अनुसंधान भूखंडों का दौरा किया। डॉ. बी.पी. सजावटी पौधों का पाल राष्ट्रीय भंडार (75), कमल और जलीय पौधे (48)।
(स्रोत: भाकृअनुप-पुष्प कृषि अनुसंधान निदेशालय, पुणे)
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