भाकृअनुप-डीसीएफआर ने भारतीय ऊपरी इलाकों में छोटे पैमाने पर रेनबो ट्राउट खेती के लिए स्थायी आरएएस प्रौद्योगिकी का किया अनावरण

भाकृअनुप-डीसीएफआर ने भारतीय ऊपरी इलाकों में छोटे पैमाने पर रेनबो ट्राउट खेती के लिए स्थायी आरएएस प्रौद्योगिकी का किया अनावरण

31 जनवरी 2024, भीमताल, उत्तराखंड

भाकृअनुप-शीत-जल मत्स्य अनुसंधान निदेशालय (डीसीएफआर), भीमताल ने पहाड़ियों में रेनबो ट्राउट खेती के लिए एक अभिनव किसान-अनुकूल लघु-स्तरीय आरएएस तकनीक विकसित की है, जिसमें अनूठी विशेषताएं हैं जो इसे लागत-कुशल और टिकाऊ बनाती हैं।

ICAR-DCFR Unveils Sustainable RAS Technology for Small-Scale Rainbow Trout Farming in the Indian Uplands  ICAR-DCFR Unveils Sustainable RAS Technology for Small-Scale Rainbow Trout Farming in the Indian Uplands

इस तकनीक को भाकृअनुप-डीसीएफआर के निदेशक, डॉ. प्रमोद कुमार पांडे के मार्गदर्शन में विकसित किया गया तथा भाकृअनुप-डीसीएफआर के वैज्ञानिकों की टीम द्वारा सावधानीपूर्वक परीक्षण किया गया।

श्री वी.के. बिष्ट, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड, देहरादून, श्री अशोक कुमार पांडे, मुख्य विकास अधिकारी, नैनीताल, डॉ. एन.एन पांडे, प्रमुख (प्रभारी) मत्स्य संसाधन प्रबंधन और प्रधान वैज्ञानिक, भाकृअनुप-डीसीएफआर-भीमताल कार्यक्रम के दौरान उपस्थित रहे।

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प्रमुख सहयोगी किसानों के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। भाकृअनुप-डीसीएफआर द्वारा विकसित आरएएस के प्रोटोटाइप के संचालन का प्रदर्शन किया गया तथा परियोजना की तकनीकी-वाणिज्यिक व्यवहार्यता पर विचार-विमर्श किया गया।

इस नवोन्मेषी आरएएस प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन से पहाड़ी आबादी की आजीविका का बढ़ावा देने के लिए उच्च पूंजी लागत, बिजली की आवश्यकता तथा संसाधन उपयोग एवं कौशल विकास से संबंधित प्रमुख मुद्दों का समाधान होगा।

(स्रोत: भाकृअनुप-शीत-जल मत्स्य अनुसंधान निदेशालय, भीमताल, उत्तराखंड)

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