भाकृअनुप-एनबीएसएस तथा एलयूपी ने "कृषि समुदाय की आजीविका में सुधार के लिए सतत कृषि भूमि उपयोग योजना" का किया आयोजन

भाकृअनुप-एनबीएसएस तथा एलयूपी ने "कृषि समुदाय की आजीविका में सुधार के लिए सतत कृषि भूमि उपयोग योजना" का किया आयोजन

10 जनवरी, 2024, कोलकाता

भाकृअनुप-राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग योजना ब्यूरो (एनबीएसएस), क्षेत्रीय केन्द्र, कोलकाता ने एन-24 परगना कृषि विज्ञान केन्द्र, अशोक नगर, पश्चिम बंगाल के सहयोग से कृषक समुदाय की आजीविका में सुधार के लिए सतत कृषि भूमि उपयोग योजना के लिए एससीएसपी परियोजना के तहत एक क्षमता निर्माण कार्यक्रम-सह-इनपुट वितरण का आयोजन आज सुंदरबन के सुदूर द्वीप पर किया।

ICAR-NBSS & LUP organises “Sustainable Agricultural Land Use Planning for Livelihood Improvement of Farming Community”  ICAR-NBSS & LUP organises “Sustainable Agricultural Land Use Planning for Livelihood Improvement of Farming Community”

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य, अनुसूचित जाति के किसानों को एकीकृत कृषि प्रणाली, सुंदरलैंड द्वीपों के जलवायु संवेदनशील क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए दृष्टिकोण आधारित भूमि उपयोग योजना के बारे में जागरूक करना था।

आरसी के प्रमुख, डॉ. एफ.एच. रहमान ने लाभार्थियों को अपनी आजीविका आय बढ़ाने के लिए संसाधनों का पूर्ण उपयोग करने और उस क्षेत्र की जलवायु भेद्यता से निपटने में आईएफएस मॉडल दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया।

कुल 30 चयनित लाभार्थी किसानों को विविध कृषि घटक-सह-इनपुट दिए गए, जिनमें- मछली के बच्चे, चूजे (वनराजा नस्ल), फिशनेट, मधुमक्खी के छत्ते, न्यूट्री गार्डन पैक और फ्लोटिंग डक बेड के नए अभिनव उत्पाद शामिल था, जो इन्हीं में से एक प्रगतिशील किसान द्वारा विकसित तथा एन-24 परगना केवीके के सहयोग से बनाया गया था।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग योजना ब्यूरो, कोलकाता)

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