19 जनवरी, 2024, बैरकपुर
डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने भाकृअनुप-केन्द्रीय अंतर्देशीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर का दौरा किया। उन्होंने सोराफुली घाट पर 'नमामि गंगे' के तहत तीसरे चरण के पशुपालन कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
डॉ. पाठक ने भारतीय मेजर कॉर्प्स की पचास हजार उन्नत अंगुलिकाओं को गंगा नदी में छोड़ा। उन्होंने खोजपूर्ण नदी अनुसंधान कार्यक्रम के लिए एनएमसीजी चरण- II के तहत खरीदी गई नाव 'मत्स्यिकी मंथन' का उद्घाटन किया। नदी अनुसंधान के विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए नाव को एक तैरती प्रयोगशाला के रूप में विकसित किया गया है। डॉ. पाठक ने भाकृअनुप-सीआईएफआरआई में प्लैटिनम विंग, ब्लॉक-ए का भी उद्घाटन किया।
उन्होंने विभिन्न कर्मचारियों के साथ बातचीत की और युवा वैज्ञानिकों से अपने ज्ञान को बढ़ाने तथा विज्ञान में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने का आग्रह किया।
पशुपालन कार्यक्रम के दौरान उप-महानिदेशक (मत्स्य विज्ञान), डॉ. जे.के. जेना भी उपस्थित रहे।
इससे पहले, सीआईएफआरआई के निदेशक, डॉ. बी.के. दास ने अपने उद्घाटन संबोधन में सभी का स्वागत किया।
नदी पशुपालन कार्यक्रम खुले जल संसाधनों में स्टॉक वृद्धि का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं और इस घटते मछली जीव की बहाली के लिए संरक्षण एवं उत्थान महत्वपूर्ण हैं। एनएमसीजी के दूसरे चरण में लगभग 63.5 लाख उन्नत फिंगरलिंग्स को गंगा नदी में छोड़ा गया।
(स्रोत- भाकृअनुप-केन्द्रीय अंतर्देशीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर)
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