भाकृअनुप-केन्द्रीय कंद फसल अनुसंधान संस्थान में उष्णकटिबंधीय कंद फसलों पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित

भाकृअनुप-केन्द्रीय कंद फसल अनुसंधान संस्थान में उष्णकटिबंधीय कंद फसलों पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित

28-29 नवंबर, 2023, तिरुवनंतपुरम

इंडियन सोसाइटी फॉर रूट क्रॉप्स के सहयोग से सीटीसीआरआई के हीरक जयंती समारोह के उपलक्ष्य में 'स्थिरता, परंपरा, कृषि-खाद्य प्रणालियों और लचीलेपन के लिए उष्णकटिबंधीय कंद फसलों' पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन भाकृअनुप-केन्द्रीय कंद फसल अनुसंधान संस्थान, तिरुवनंतपुरम में 28- 29 नवंबर 2023 के दौरान आयोजित किया गया था। सम्मेलन का उद्देश्य शोधकर्ताओं, कृषक समुदाय और नीति निर्माताओं सहित विभिन्न हितधारकों के बीच उष्णकटिबंधीय कंद फसलों के दायरे तथा महत्व को समझना है।

National Conference on Tropical Tuber Crops organises at ICAR-Central Tuber Crops Research Institute  National Conference on Tropical Tuber Crops organises at ICAR-Central Tuber Crops Research Institute

डॉ. बी. नीरजा प्रभाकर, कुलपति, श्री कोंडा लक्ष्मण तेलंगाना राज्य बागवानी विश्वविद्यालय, तेलंगाना ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने कंदीय फसलों के महत्व पर जोर दिया, जो उच्च उत्पादकता वाले हैं और शून्य भूख तथा गरीबी उन्मूलन के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में जैव-सुदृढ़ीकरण की व्यापक गुंजाइश रखते हैं। डॉ. प्रभाकर ने रोग मुक्त गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री की आवश्यकता और फसल क्षेत्र विस्तार के लिए गैर-पारंपरिक क्षेत्रों के दोहन पर भी जोर दिया।

डॉ. आर. दिनेश, निदेशक, भाकृअनुप-भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान (भाकृअनुप), कोझिकोड उद्घाटन समारोह के सम्मानित अतिथि थे। उन्होंने 'वन भाकृनुप' की अवधारणा तथा सीटीसीआरआई एवं आईआईएसआर द्वारा संयुक्त रूप से विकसित तीन बायो-कैप्सूल के एनकैप्सूलेटेड स्ट्रेन का उल्लेख किया।

भाकृअनुप-सीटीसीआरआई के निदेशक, डॉ. जी. बायजू ने उष्णकटिबंधीय कंद फसलों के अनुसंधान विकास की उपलब्धियों, मुद्दों और आगे बढ़ने के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया तथा भाकृअनुप-सीटीसीआरआई में ठोस अनुसंधान गतिविधियों पर जोर दिया, जिसके परिणामस्वरूप दुनिया में कसावा की उत्पादकता सबसे अधिक रही। उन्होंने बताया कि पिछले 60 वर्षों के दौरान कसावा के लिए हासिल की गई 4% की वार्षिक उत्पादकता वृद्धि दर एक बड़ी उपलब्धि है। डॉ. बायजू ने शकरकंद का दर्जा सुपर-फूड के रूप में बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित वायरोलॉजिस्ट, डॉ. स्टीफ़न विंटर, विभिन्न राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों के वैज्ञानिकों, संकाय सदस्यों और छात्रों सहित लगभग 200 प्रतिनिधियों ने प्रतिभागिता की।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय कंद फसल अनुसंधान संस्थान, तिरुवनंतपुरम)

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