21 नवंबर 2023, कोच्चि
भाकृअनुप-केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान, कोच्चि ने आज विश्व रोगाणुरोधी जागरूकता सप्ताह 2023 को "रोकथाम रोगाणुरोधी प्रतिरोध को एक साथ रोकना" थीम के साथ मनाया।
डॉ. एम.पी. रेमेसन, निदेशक (प्रभारी) ने मत्स्य पालन क्षेत्र में रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) के महत्व पर जोर दिया।
माइक्रोबायोलॉजी किण्वन और जैव प्रौद्योगिकी (एमएफबी) प्रभाग के प्रमुख, डॉ. टी. राजा स्वामीनाथन ने संक्रामक और उभरते मत्स्य रोगजनकों के खिलाफ एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग और मछली पालन में इन एंटीबायोटिक दवाओं के दुरुपयोग के कारण एएमआर के प्रसार पर जोर दिया। उन्होंने कार्यक्रम में वन हेल्थ हितधारकों को एएमआर पर शिक्षित करने और दवा प्रतिरोधी संक्रमणों को रोकने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया।
डॉ. अनिल कुमार, प्रमुख, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, मेडिसिन स्कूल, अमृता विश्व विद्यापीठम, कोच्चि ने वन हेल्थ अवधारणा के तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य और जानवरों के लिए एएमआर के महत्व पर जोर दिया।
डॉ. गीतालक्ष्मी, प्रमुख (प्रभारी), ईआईएस, प्रभाग ने कार्यक्रम का समन्वय किया।
स्कूली छात्रों को एएमआर के प्रभाव के बारे में जागरूक करने के लिए, एमएफबी डिवीजन के वैज्ञानिकों और तकनीकी कर्मचारियों ने आज केन्द्रीय विद्यालय-1, नेवल बेस, कोचीन और सेवेंथ डे एडवेंटिस्ट स्कूल, कलूर, एर्नाकुलम के स्कूली छात्रों के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया।
श्रीमती मुथुलक्ष्मी, श्रीमती विनीता दास, श्रीमती प्रीनीथा और श्रीमती रेशमी सहित वैज्ञानिकों और तकनीकी कर्मचारियों ने हिंदी भाषा में "नुक्कड़ नाटक" प्रस्तुत किया। साथ ही एंटीबायोटिक दवाओं के अधिक और कम उपयोग के दुष्परिणामों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम से कुल मिलाकर 150 छात्र लाभान्वित हुए। पूरा कार्यक्रम भाकृअनुप-सीआईएफटी, कोचीन के निदेशक, डॉ. जॉर्ज निनान के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में 100 से अधिक हितधारकों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान, कोच्चि)
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