भाकृअनुप-सिरकॉट द्वारा शताब्दी स्थापना दिवस मनाया गया

भाकृअनुप-सिरकॉट द्वारा शताब्दी स्थापना दिवस मनाया गया

3 दिसंबर, 2023, मुंबई

भाकृअनुप-केन्द्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (सिरकॉट), मुंबई ने आज कृषि शिक्षा दिवस के साथ-साथ अपना 100वां स्थापना दिवस मनाया। यह बैठक हाइब्रिड मोड में आयोजित की गई।

मुख्य अतिथि, डॉ. एस.एन. झा, उप-महानिदेशक (इंजीनियरिंग) ने कपास उत्पादन में जलवायु परिवर्तन, कार्बन उत्सर्जन और पानी की कमी जैसी आधुनिक चुनौतियों से निपटने के लिए भाकृअनुप-सिरकॉट का योगदान एवं इसकी आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ. झा ने कपास चुनने तथा कटाई के लिए बेहतर उपकरणों, जैसे- एआई, एमएल और सेंसर तकनीक का उपयोग करते हुए कृषि मशीनीकरण पर एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया।

Centenary Foundation Day celebrated by ICAR-CIRCOT

विशिष्ट अतिथि, डॉ. टी.आर. शर्मा, उप-महानिदेशक (फसल विज्ञान) ने हितधारकों की भागीदारी के माध्यम से कपास मूल्य श्रृंखला में सुधार की वकालत करते हुए, यांत्रिक कटाई, मूल्य वर्धित उत्पादों के लिए कपास के डंठल का उपयोग एवं मिट्टी के स्वास्थ्य को बढ़ाने का आग्रह किया।

Centenary Foundation Day celebrated by ICAR-CIRCOT

डॉ. नरसैया, सहायक महानिदेशक (पीई) ने स्थिरता के लिए कपास से उच्च मूल्य वाले उत्पादों के विकास पर जोर दिया। उन्होंने जिनिंग तथा कचरा हटाने में नवाचार की आवश्यकता पर जोर दिया साथ ही स्वचालित सेंसर-आधारित प्रौद्योगिकियों पर काम करने का आग्रह किया।

डॉ. एस.के. शुक्ला, निदेशक, भाकृअनुप-सिरकॉट ने संस्थान की साल भर की गतिविधियों, विकसित प्रौद्योगिकियों, बाह्य रूप से वित्त पोषित परियोजनाओं, हस्ताक्षरित एमओयू, प्रकाशनों तथा बुनियादी ढांचे के विकास पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रशिक्षण, कौशल विकास कार्यक्रमों एवं नमूनों के परीक्षण जैसी गतिविधियों से संस्थान द्वारा अर्जित राजस्व पर ध्यान आकृष्ट किया। डॉ. शुक्ला ने ट्रेसेबिलिटी, रोबोटिक हार्वेस्टर और कपास परीक्षण मशीनों जैसे भविष्य के अनुसंधान क्षेत्रों पर प्रकाश डाला।

डॉ. वाई.जी. प्रसाद, निदेशक, भाकृअनुप-सिरकॉट, नागपुर ने कपास प्रौद्योगिकी में एक आदर्श बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया साथ ही स्थिरता के लिए संस्थानों के बीच सहयोग की वकालत की तथा गुलाबी बॉलवर्म जैसे समस्याओं से निपटने के लिए मशीनीकरण एवं कपास के डंठल को ब्रिकेट में परिवर्तित करने पर भी जोर दिया।

डॉ. के.आर.के. अय्यर, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-सिरकॉट ने कर्मचारियों से एक आशाजनक भविष्य के लिए संस्थान की अनुसंधान गति को आगे बढ़ाने का संकल्प लेने का आग्रह किया।

डॉ. सी.डी. मेयी, पूर्व अध्यक्ष, एएसआरबी ने विश्व बाजार में भारतीय कपास के मूल्य में सुधार के लिए कचरा हटाने से संबन्धित एआई-आधारित प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर जोर दिया।

श्री सुरेश कोटक, चेयरमैन, कोटक ग्रुप ऑफ कंपनीज तथा टेक्सटाइल एडवाइजरी ग्रुप ने 100वें स्थापना दिवस के अवसर पर संस्थान के वर्तमान तथा पूर्व के कर्मचारियों की सराहना की।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, मुंबई)

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