7 जून, 2023, रांची
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्वी अनुसंधान परिसर, कृषि प्रणाली का पहाड़ी एवं पठारी अनुसंधान केन्द्र, प्लाण्डु में आम महोत्सव-सह-किसान मेला का आज भव्य आयोजन किया गया।
इस समारोह के मुख्य अतिथि, माननीय राज्यपाल, झारखंड, श्री सी.पी. राधाकृष्णन ने मंगल दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर डॉ. सुरेश कुमार चौधरी, उप महानिदेशक (प्रा.सं.प्र.), भाकृअनुप, नई दिल्ली, श्री अबुबक्कर सिद्दीख, सचिव, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखण्ड सरकार, राँची तथा तथा अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
माननीय राज्यपाल ने कहा कि यह केवल स्वादिष्ट आमों का उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारे किसानों के प्रयास हैं और इस समर्पण को सलाम है। कृषि हमारे राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। हमारे अन्नदाता किसानों की समृद्धि से ही समृद्ध झारखंड का निर्माण हो सकता है। हमें किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान खोजने में सक्रिय रहना चाहिए। यह आम उत्सव आम की नई किस्मों, अत्याधुनिक तकनीकों तथा नवीन उत्पादों को लोकप्रिय बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
इस मौके पर माननीय राज्यपाल द्वारा पूर्वी भारत के विभिन्न राज्यों से आये प्रगतिशील किसानों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया एवं संस्थान के वैज्ञानिकों को भी उत्कृष्ट अनुसंधान कार्यों के लिए पुरस्कृत किया। साथ ही उन्होंने केन्द्र के प्रकाशनों तथा केन्द्र द्वारा निर्मित प्रसंस्कृत उत्पाद, ‘स्वर्ण मैंगो मसाला रोल’ का विमोचन किया। मुख्य अतिथि द्वारा इस अवसर पर आम की विभिन्न उन्नत किस्मों की प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया गया, जिसमें केन्द्र द्वारा संरक्षित लगभग सौ से अधिक किस्मों के आम प्रदर्शित किए गए थे।
डॉ. सुरेश कुमार चौधरी, उप महानिदेशक (प्रा.सं.प्र.), भाकृअनुप ने कहा कि देश के पूर्वी पठारी भाग की जलवायु बागवानी फसलों की खेती के लिए अत्यंत अनुकूल है तथा इस क्षेत्र के अधिकांश किसान आम की खेती करते हैं। आम के वृक्ष फल देने के साथ-साथ ग्रीन हाउस गैसों के प्रभाव को कम करने, मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने एवं नमी को बनाये रखने में सहायक हैं जिससे पर्यावरण संतुलन बना रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत में, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के निदेशक, डॉ. अनुप दास द्वारा संस्थान की गतिविधियों, कृषि अनुसंधान, विकसित एवं हस्तांतरित कृषि तकनीकों, शोध प्रकाशनों, प्राप्त पुरस्कारों आदि का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया।
श्री अबुबक्कर सिद्दीख, सचिव, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखण्ड ने कहा कि आम उत्पादन आधारित कृषि प्रणाली को अपनाकर किसान अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पारम्परिक कृषि के स्थान पर आधुनिक कृषि प्रणाली को अपनाकर कई परिवारों को रोजगार एवं खाद्य सुरक्षा प्रदान की जा सकती है। सचिव ने उपस्थित किसानों से राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।
संस्थान (केन्द्र) के निदेशक, डॉ. अनुप दास ने इस अवसर पर बताया कि अनुसंधान केन्द्र, प्लाण्डु द्वारा आम की उत्पादकता बढ़ाने हेतु कई उन्नत तकनीकों का विकास किया गया है। उन्होंने कहा कि किसान इन्हें अपनाकर अपने आम के बागों से अधिक उत्पादन ले सकते हैं।
देश के पूर्वी राज्यों के 350 से अधिक किसानों ने इस समारोह में शिरकत की।
(स्रोतः भाकृअनुप पूर्वी अनुसंधान परिसर, कृषि प्रणाली का पहाड़ी एवं पठारी अनुसंधान केन्द्र, राँची)
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