डीएएफडब्ल्यू, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, और भाकृअनुप का एनआरएम प्रभाग एक इंटरफ़ेस बैठक किया आयोजित

डीएएफडब्ल्यू, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, और भाकृअनुप का एनआरएम प्रभाग एक इंटरफ़ेस बैठक किया आयोजित

12 सितंबर, 2023, नई दिल्ली

भाकृअनुप के प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन प्रभाग और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के बीच एक इंटरफेस बैठक भाकृअनुप के एनआरएम प्रभाग, कैब-II, नई दिल्ली में डॉ. एस.के. चौधरी, उप-महानिदेशक (एनआरएम) की अध्यक्षता में और डॉ. योगिता राणा, संयुक्त सचिव (आईएनएम), डीएएफडब्ल्यू, एमओएफडब्ल्यू & ए, डीएएफडब्ल्यू के प्रतिनिधित्व में आयोजित की गई।  

यह इंटरफ़ेस मृदा स्वास्थ्य, प्राकृतिक तथा जैविक खेती और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए मिशन जैविक मूल्य श्रृंखला विकास (एमओवीसीडी-एनईआर) कार्यक्रमों से संबंधित भाकृअनुप संस्थानों की अनुसंधान, शिक्षा और विस्तार गतिविधियों को साझा करने के लिए आयोजित किया गया था।

DAFW, MoA &FW, and NRM Division of ICAR organise an interface meeting.

डॉ. चौधरी ने बदलती विश्व व्यवस्था की तुलना में राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और फंडिंग द्वारा आपसी सहयोग के लिए भाकृअनुप-एनआरएम डिवीजन और आईएनएम (एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन) अनुभाग, डीएएफडब्ल्यू, एमओएफडब्ल्यू और ए की भूमिका के मद्देनजर इंटरफ़ेस बैठक के महत्व, समय-समय पर जानकारी साझा करने और आवश्यक इंटरफ़ेस चर्चा करने पर संक्षेप में प्रकाश डाला।

डॉ. राणा ने प्राकृतिक और जैविक खेती के लिए डेटा और प्रथाओं का पैकेज तैयार करने, क्षमता निर्माण और प्राकृतिक खेती पर प्रदर्शन, तथा यूजी एवं पीजी के लिए पाठ्यक्रम विकसित करने में भाकृअनुप के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण डेटा तैयार करके प्राकृतिक खेती में अनुसंधान, शिक्षा तथा क्षमता निर्माण को मजबूत करने के लिए समय-समय पर चर्चा करने और जानकारी साझा करने की आवश्यकता पर बल दिया।

सहायक महानिदेशक (मृदा एवं जल प्रबंधन), डॉ. ए. वेलमुरुगन ने बैठक के उद्देश्य से अवगत कराया।

डॉ. आर.आर. बर्मन, सहायक महानिदेशक (विस्तार) ने प्राकृतिक खेती, क्षमता निर्माण आदि पर प्रदर्शनों से संबंधित गतिविधियों को साझा किया और चर्चा की।

डॉ. एस.के. शर्मा, सहायक महानिदेशक (एचआरएम) ने बताया कि भाकृअनुप ने एसएयू, सीएयू और डीम्ड विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाने के लिए प्राकृतिक खेती में यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों को पहले ही अंतिम रूप दे दिया है।

सहायक महानिदेशक (एएएफसीसी), डॉ. राजबीर सिंह ने भी भाकृअनुप और डीए एंड एफडब्ल्यू के बीच सहयोग को और मजबूत करने के लिए अपने विचार साझा किए।

डॉ. सुनील कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएफएसआर, मोदीपुरम ने प्राकृतिक और जैविक खेती पर प्रकाशन और शोध परिणाम साझा किए।

(स्रोत: भाकृअनुप का एनआरएम प्रभाग, कैब-II, नई दिल्ली)

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