25 नवंबर, 2023, मालदा
डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र, मालदा की पांच सुविधाओं, अर्थात् प्रशासनिक भवन, किसान छात्रावास, कार्प और कैटफ़िश हैचरी सुविधा, एकीकृत पशुधन इकाई तथा एकीकृत मछली विकास इकाई का आज उद्घाटन किया। उन्होंने कृषक समुदाय की आजीविका सुधार में केवीके द्वारा निभाए गए महत्व और भूमिका की सराहना की। डॉ. पाठक ने किसानों के बीच विभिन्न आदान सामग्री भी वितरित की।
डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता ने बताया कि केवीके ‘अमृत काल’ के लिए एक परिवर्तनकारी उत्प्रेरक तथा अभिसरण स्थल के रूप में उभर रहा है जो भारतीय कृषि के लिए खेत-कृषक-कृषि को कृषि पारिस्थितिकी तंत्र पैमाने पर जोड़ने के लिए सक्षम होगा।
समारोह में स्वामी विश्वमयानंद, सचिव, रामकृष्ण मिशन आश्रम, सारगाछी, मुर्शिदाबाद; डॉ. वी.बी. पटेल, सहायक महानिदेशक (बागवानी एवं वृक्षारोपण फसलें), भाकृअनुप; डॉ. टी. दामोदरन, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएसएच लखनऊ; डॉ. सुजय रक्षित, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएबी, रांची; डॉ. एस.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएचआर, बेंगलुरु; डॉ. उत्तम कुमार सरकार, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएफजीआर लखनऊ; डॉ. शैलेन्द्र राजन पूर्व निदेशक सीआईएसएच लखनऊ; डॉ. डी.बी. शाक्यवार, निदेशक, भाकृअनुप-निनफेट, कोलकाता; डॉ. पी. चक्रवर्ती, एएसआरबी के पूर्व सदस्य; डॉ. पी. पाल, पूर्व निदेशक एनआरसी ऑन अनार, शोलापुर उपस्थित रहे।
इस किसान सम्मेलन के आयोजन में 600 से अधिक किसानों ने भाग लिया। इस अवसर पर तीन सर्वश्रेष्ठ किसानों को मालदा जिले में भाकृअनुप प्रौद्योगिकी को अपनाने तथा प्रसार में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
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