जीनोमिक्स के युग में फिनोम डेटा रिकॉर्डिंग के महत्व पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

जीनोमिक्स के युग में फिनोम डेटा रिकॉर्डिंग के महत्व पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

3- 12 जनवरी, 2024, बीकानेर

भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर ने 3 से 12 जनवरी, 2024 तक "जीनोमिक्स के युग में पशुधन फिनोम डेटा रिकॉर्डिंग, विश्लेषण और व्याख्या में हालिया विकास" शीर्षक से 10-दिवसीय लघु पाठ्यक्रम का आयोजन किया।

Training programme on Importance of Phenome data recording in the Era of Genomics

समापन सत्र के मुख्य अतिथि, डॉ. पी.के. राउत, प्रधान वैज्ञानिक, सचिव कार्यालय, डेयर एवं महानिदेशक, भाकृअनुप, 12 जनवरी, 2024 को समापन समारोह के दौरान उपस्थित थे। उन्होंने पशु प्रजनन कार्यक्रमों में नवीन फेनोटाइप रिकॉर्डिंग और उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।

Training programme on Importance of Phenome data recording in the Era of Genomics

डॉ. टी.के. भट्टाचार्य, निदेशक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान, हिसार ने 3 जनवरी, 2024 को प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। डॉ. ए. साहू, निदेशक, भाकृअनुप-एनआरसीसी और कार्यक्रम के संरक्षक-सह-समन्वयक कार्यक्रम के दौरान उपस्थित थे।

प्रशिक्षण पशु प्रजनन डेटा रिकॉर्डिंग, विश्लेषण और व्याख्या विधियों पर केन्द्रित है, जिसमें पशुधन उत्पादन, बीमारी, बायोमार्कर और जलवायु तनाव के लिए फिनोम तथा जीनोम डेटा के पहलुओं को शामिल किया गया है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में आठ राज्यों (असम, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, तमिलनाडु, गुजरात, उत्तराखंड और यूपी) से कुल 26 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर)

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