जयपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के कृषि छात्रों के लिए आरएडब्ल्यूई कार्यक्रम आयोजित

जयपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के कृषि छात्रों के लिए आरएडब्ल्यूई कार्यक्रम आयोजित

30 जून- 20 अक्टूबर, 2023, अल्मोड़ा

भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (वीपीकेएस), अल्मोड़ा ने 30 जून से 20 अक्टूबर, 2023 तक जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान के छात्रों के लिए ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव (आरएडब्ल्यूई) कार्यक्रम पूरा किया, जिसमें बी.एससी. (कृषि) के सातवें सेमेस्टर के छात्र को कृषि शिक्षा और व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया गया।

RAWE Programme for Agriculture Students of Jaipur National University  RAWE Programme for Agriculture Students of Jaipur National University

आरएडब्ल्यूई, भाकृअनुप-वीपीकेएस की एक पहल है, जिसका उद्देश्य युवा बी.एससी. (कृषि) के छात्रों को पहाड़ी कृषि, अनुसंधान और विस्तार गतिविधियों की वास्तविकताओं से परिचित कराना तथा इसे उजागर करना था। साथ ही छात्रों को कृषि के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराना था।

भाकृअनुप-वीपीकेएएस के निदेशक, डॉ. लक्ष्मी कांत ने कार्यक्रम के दौरान छात्रों की प्रतिबद्धता एवं कड़ी मेहनत की सराहना की। उन्होंने सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुप्रयोग के बीच अंतर को पाटने में आरएडब्ल्यूई के महत्व पर जोर दिया, जिससे कृषकों और कृषि-पेशेवरों की एक नई पीढ़ी का पोषण किया जा सके। समापन समारोह के दौरान, डॉ. लक्ष्मी कांत ने प्रमाण पत्र प्राप्त छात्रों को उनके समर्पण के लिए बधाई दी और उन्हें कृषि में उत्कृष्टता की खोज जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।

जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के छात्रों ने न केवल आवश्यक कृषि कौशल सीखे, बल्कि किसान मेला, संगोष्ठी, क्षेत्र संचालन आदि में भाग लेकर संस्थान की गतिविधि में भी योगदान दिया। वे सक्रिय रूप से सामुदायिक आउटरीच और सर्वोत्तम कृषि प्रथाओं पर ज्ञान का प्रसार करने में लगे हुए हैं।

भाकृअनुप-वीपीकेएएस इस पहल में सहयोग करने के लिए जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रति अपना आभार व्यक्त करता है और ऐसे ही शैक्षिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है जो व्यवहारिक ज्ञान तथा टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ाते हैं। जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के कुल 16 छात्रों ने पहाड़ी कृषि पद्धतियों में प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने, ग्रामीण कृषि प्रणालियों को समझने और सतत कृषि विकास में योगदान देने के लिए चार महीने के प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की।

(स्रोत: भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा)

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