7 नवंबर, 2023, कोलकाता
फसल विविधीकरण पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम जिले के अमाईनगर गांव में 2-3 नवंबर, 2023 को दो दिवसीय किसान प्रशिक्षण-सह-क्षमता निर्माण कार्यक्रम भाकृअनुप-राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण और भूमि उपयोग योजना ब्यूरो, क्षेत्रीय केन्द्र, कोलकाता, भारत के पूर्वी क्षेत्र का एक नोडल केन्द्र है, जिसके द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रथम उद्देश्य मुख्य रूप से चावल-परती भूमि या उन भूमियों में फसल विविधीकरण योजनाओं का सुझाव देना था जहां चावल की फसल थोड़ी उपयुक्त है और उपयुक्त नहीं भी है। इन भूमियों को वैकल्पिक और लाभदायक फसलों/ फसल प्रणालियों के तहत लाया जाएगा जबकि दलहन तथा तिलहन फसलों को प्राथमिकता दी जाएगी।
भाकृअनुप-एनबीएसएस और एलयूपी तथा झारग्राम केवीके के वैज्ञानिक फसल विविधीकरण पर एक व्याख्यान श्रृंखला आयोजित कर रहे हैं, जिसमें दलहन, तिलहन, सब्जियां और फूलों की खेती जैसी नई फसलों की शुरुआत की जा रही है। यह कार्यक्रम किसानों की आय और आजीविका में सुधार लाने के उद्देश्य से मिट्टी के स्वास्थ्य, कीटों और रोग प्रबंधन का परीक्षण करने के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है। किसानों को महत्वपूर्ण इनपुट के रूप में प्रारंभिक सहायता प्रदान की जाएगी और सफल कार्यक्रमों को अनुसंधान संस्थान की तकनीकी सहायता के माध्यम से संबंधित विभागों द्वारा बढ़ाया जाएगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में गाँव के कुल तीस आदिवासी किसानों ने भाग लिया जिसमें 60 प्रतिशत महिला किसान थीं।
डॉ. एफ.एच. रहमान, प्रमुख, डॉ. तापती बनर्जी, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. श्रेयसी गुप्ता चौधरी, वरिष्ठ वैज्ञानिक, भाकृअनुप-एनबीएसएस एंड एलयूपी, आरसी, कोलकाता, डॉ. असीम मैती, प्रभारी, केवीके, डॉ. सरबानी दास, डॉ. मिलन कुंडू , डॉ तन्मय सेनगुप्ता, झाड़ग्राम केवीके तथा एफपीसी सदस्य इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण और भूमि उपयोग योजना ब्यूरो, आरसी, कोलकाता)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें