16 जनवरी, 2024, नई दिल्ली
कृषि में कार्बन ट्रेडिंग से संबन्धित कार्यशाला आज राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, नई दिल्ली में आयोजित की गई।
डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने कार्बन व्यापार में प्रमुख चुनौतियों की आवश्यकता पर जोर दिया और उचित कार्य प्रणाली विकसित करने तथा हितधारकों के परामर्श से कार्बन व्यापार पहल को आगे बढ़ाने के लिए भाकृअनुप के लिए रोडमैप निर्धारित किया।
डॉ. एस.के. चौधरी, उप-महानिदेशक (एनआरएम), भाकृअनुप ने चर्चा के लिए कार्य-सूची के बिंदुओं पर प्रकाश डाला।
संयुक्त सचिव (एनआरएम/ आरएफएस), श्री फ्रैंकलिन एल. खोबुंग ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा की गई कार्बन ट्रेडिंग पहल के बारे में जानकारी दी।
डॉ. बी.एस. द्विवेदी, सदस्य, भाकृअनुप-कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड, डॉ. राजबीर सिंह, सहायक महानिदेशक (एएएफ एवं सीसी), भाकृअनुप, डॉ. जे.के. जेना, उप-महानिदेशक (एफएस एवं एएस), श्री ताकायुकी हागिवारा, भारत के प्रतिनिधि (एफएओ), सहायक महानिदेशक और भाकृअनुप के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने कार्यशाला में भाग लिया।
कार्बन पृथक्करण में कृषि-वानिकी एवं बागवानी के महत्व, कार्बन क्रेडिट की निगरानी, रिपोर्टिंग और सत्यापन में चुनौतियों तथा इस प्रयास में भाकृअनुप की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गई।
डॉ. वी.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर ड्राईलैंड एग्रीकल्चर ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से कार्यशाला के लिए चर्चा का विषय निर्धारित किया।
कार्यक्रम में मंत्रालय के विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों सहित कुल 56 प्रतिभागियों ने शिरकत की।
(स्रोत: भाकृअनुप-प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन प्रभाग, नई दिल्ली)
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