24 फरवरी, 2024, बैरकपुर
भाकृअनुप-केन्द्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएफजीआर), लखनऊ ने आज 13वें भारतीय मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर फोरम के तहत भाकृअनुप-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर, कोलकाता के साथ संयुक्त रूप से मछली जेनेटिक संसाधन तथा संरक्षण पर एक सैटेलाइट संगोष्ठी का आयोजन किया। इस आयोजन का उद्देश्य सतत विकास, संरक्षण प्रयासों तथा समकालीन चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक नवीन दृष्टिकोणों में जलीय आनुवंशिक संसाधनों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालना था।
कार्यक्रम के दौरान, डॉ. ए.जी. पोन्नैया, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-केन्द्रीय खाराजल जीव पालन संस्थान एवं एनबीएफजीआर, डॉ. धृति बनर्जी, निदेशक, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, डॉ. जे.के. जेना, उप-महानिदेशक (मत्स्य विज्ञान), डॉ. यू.के. सरकार, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएफजीआर, डॉ. बी.के. दास, निदेशक, भाकृअनुप-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, डॉ. पी. कृष्णन, निदेशक, बंगाल की खाड़ी कार्यक्रम अंतर-सरकारी संगठन और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान जलीय आनुवंशिक संसाधन प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर मौखिक तथा पोस्टर प्रस्तुति दी गईं।
(स्रोत: भाकृअनुप-नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज, लखनऊ)
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