19 फरवरी, 2024, एनएएससी, नई दिल्ली
डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने आज यहां नीम शिखर सम्मेलन 2024 और तीसरे वैश्विक नीम व्यापार मेले का उद्घाटन किया।
डॉ. पी.के. सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त एवं न्यायमूर्ति माननीय के.टी. तातेड, अध्यक्ष, मानवाधिकार आयोग, महाराष्ट्र सरकार उद्घाटन समारोह के सम्मानित अतिथि थे।
यह कार्यक्रम विश्व नीम संगठन द्वारा एलसीएआर-सेंट्रल एग्रोफोरेस्ट्री रिसर्च इंस्टीट्यूट, झांसी के सहयोग से 19-20 फरवरी, 2024 तक एनएएससी कॉम्प्लेक्स में आयोजित किया जा रहा है।
विशिष्ट अतिथियों ने मानव कल्याण में नीम के महत्व पर प्रकाश डाला। नीम-लेपित यूरिया और नीम-आधारित स्वास्थ्य उत्पादों को बढ़ावा देने की देश की प्राथमिकता के साथ, देश में नीम उगाना महत्वपूर्ण हो गया है और इसके लिए राष्ट्रीय स्तर के मिशन की आवश्यकता है।
डॉ. ए. अरुणाचलम, निदेशक, भाकृअनुप-सीएआरआई ने कार्यक्रम की शुरुआत की और डॉ. राजबीर सिंह, सहायक महानिदेशक (कृषि विज्ञान, एग्रोफ्रेस्ट्री और जलवायु परिवर्तन), भाकृअनुप ने नीम पर टिप्पणी दी।
इस अवसर पर, "टिकाऊ कृषि, स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए नीम" विषय पर दूसरा डब्ल्यूएनओ सेमिनार भी आयोजित किया जा रहा है।
सेमिनार में 10 विदेशी प्रतिभागियों सहित लगभग 250 प्रतिभागी शिरकत किये।
इससे पहले, डॉ. बी.एन. व्यास डब्ल्यूएनओ के अध्यक्ष ने स्वागत संबोधन दिया।
वैश्विक नीम व्यापार मेले में भारत तथा विदेश से लगभग 22 कंपनियां भाग ले रही हैं और अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर रहे हैं।
शिखर सम्मेलन ने नीम को वृक्षारोपण वानिकी विकल्प के रूप में चिह्नित किया जो उद्योग की कच्चे माल की आवश्यकताओं को पूरा करेगा। वहीं कार्यक्रम में कार्बन फूटप्रिंट के लिए नीम के पेड़ों की भी वकालत की गई। 2 दिवसीय कार्यक्रम में समाज और उद्योग के लिए नीम अनुसंधान एवं विकास पर विभिन्न तकनीकी मामलों पर विचार-विमर्श करने के लिए लगभग 7 तकनीकी सत्र हैं।
स्मारिका, डब्ल्यूएनओ कैलेंडर और तकनीकी बुलेटिन जिसका शीर्षक "नीम फील्ड जीन बैंक-संरक्षण तथा उपयोग के लिए अवसर प्रदान करना" था, जारी किया गया तथा उसके बाद डब्ल्यूएनओ डॉक्यूमेंट्री लॉन्च की गई।
डब्ल्यूएनओ की महासचिव, डॉ. निर्मला कोठारी ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
(स्रोत: सीपीआरओ, आईसीएआर)
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