12 जून, 2023, करनाल
योग और प्राणायाम प्राचीन अभ्यास हैं जो आज तेजी से आगे बढ़ रही है और दुनिया में बढ़ते तनाव से निदान के लिए काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसलिए शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण के लिए योग के अहम प्रभाव को स्वीकार करते हुए, भाकृअनुप-भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्ल्यूबीआर), करनाल, भारत के निदेशक ने आगामी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से पहले अभ्यास के तौर पर दैनिक योग और प्राणायाम सत्रों की शुरुआत की है।

इन सत्रों के आयोजन के लिए भाकृअनुप-आईआईडब्ल्यूबीआर की प्रतिबद्धता तथा प्रतिभागियों की सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देने के लिए उनके समर्पण को दर्शाती है। योग और प्राणायाम को अपने दैनिक जीवन में शामिल करके, व्यक्ति उत्पादकता में वृद्धि, बेहतर फोकस और कम तनाव के स्तर का अनुभव कर सकते हैं। इन सत्रों के अभ्यास सामूहिकता, एकता तथा उनके साझा उद्देश्य की भावना को बढ़ाने में मदद करेगी।

श्री दिनेश गुलाटी, एक प्रसिद्ध योग शिक्षक और करनाल में "मेरा मिशन स्वस्थ भारत" के संस्थापक ने इन सत्रों को नि:शुल्क संचालित करने के लिए अपनी विशेषज्ञता की पेशकश की।
जैसा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस निकट है, योग और प्राणायाम को बढ़ावा देने के लिए भाकृअनुप-आईआईडब्ल्यूबीआर के प्रयास उनके सार्वभौमिक महत्व की याद दिलाते हैं। ये अभ्यास मानव कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करते हैं जो सांस्कृतिक सीमाओं से ऊपर उठ कर सभी उम्र, पृष्ठभूमि और फिटनेस स्तर के लोगों को लाभान्वित करता है।
(स्रोत: भाकृअनुप-आईआईडब्ल्यूबीआर, करनाल)
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