11 सितंबर, 2023, तिरुवनंतपुरम
भाकृअनुप-केन्द्रीय कंद फसल अनुसंधान संस्थान (सीटीसीआरआई), तिरुवनंतपुरम और भारतीय फाइटोपैथोलॉजिकल सोसायटी (दक्षिणी क्षेत्र) ने दो दिवसीय 'पौध स्वास्थ्य प्रबंधन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी: वर्तमान रुझान एवं नवीन शमन रणनीतियाँ' (11-12 सितंबर) की मेजबानी की।
मुख्य अतिथि, केरल विश्वविद्यालय के कुलपति, डॉ. मोहनन कुन्नूमल ने स्वास्थ्य के महत्व पर जोर दिया और कहा कि हर दूसरी प्रजाति की रक्षा करने की आवश्यकता ही भारत की परंपरा है।
भाकृअनुप-सीटीसीआरआई के निदेशक, डॉ. जी .बायजू ने कहा कि जलवायु परिवर्तन कृषि के लक्ष्यों को प्राप्त करने में बाधित करने बाले कारक है, जो पौधों के स्वास्थ्य मानव स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य तथा मिट्टी के स्वास्थ्य से संबंधित है।
इंडियन फाइटोपैथोलॉजिकल सोसायटी (दक्षिणी क्षेत्र) के अध्यक्ष और फसल सुरक्षा प्रभाग के प्रमुख, डॉ. टी. मकेश कुमार ने स्वागत संबोधन दिया।
यह प्रोग्राम उद्द्श्य शोधकर्ताओं, विशेषज्ञों एवं हितधारकों को विचारों के आदान प्रदान द्वारा नवीन रणनीतियों पर विचार करने तथा सहयोग करके फसल के स्वास्थ और उत्पादकता को सुनिश्चित करना है।
डॉ. काजल कुमार विश्वास, अध्यक्ष, इंडियन फाइटोपैथ एसोसिएशन, डॉ. विकास मंडल, अतिरिक्त कर्मचारी, अंतर्राष्ट्रीय संबन्ध, डॉ. एस.के. धनुर्धर, पूर्व पितृपुरुष, यूबीकेवी, पश्चिम बंगाल, और श्री एस. प्रेमकुमार, महाप्रबंधक, केनरा बैंक, तिरुवनंतपुरम सर्कल समारोह के दौरान उपस्थित थे।
कार्यक्रम में लगभग 150 उद्यमियों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय कंद कृषि अनुसंधान संस्थान, तिरुवनंतपुरम)
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