25 अगस्त, 2023, राजमुंदरी
भाकृअनुप-पुष्पविज्ञान अनुसंधान निदेशालय (डीएफआर), पुणे क्षेत्रीय स्टेशन, वेमागिरी, कदियम, आंध्र प्रदेश ने भाकृअनुप-सीटीआरआई, राजमुंदरी, आंध्र प्रदेश में "पोल्ट्री फ़ीड एडिटिव के रूप में मैरीगोल्ड" पर एक व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।
कार्यक्रम में हितधारकों अर्थात् फूल उत्पादकों, मुर्गी पालक, पशु चिकित्सक और ग्राम स्तर के बागवानी श्रमिकों तथा व्यावसायिक शिक्षा के छात्रों ने भाग लिया।
डॉ. के.वी. भाकृअनुप-डीएफआर के निदेशक प्रसाद ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए फूलों के मूल्यवर्धन की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि विभिन्न उच्च मूल्य वाले न्यूट्रास्यूटिकल्स जैसे ल्यूटिन और मूल्य वर्धित उत्पाद जैसे मैरीगोल्ड किण्वित पाउडर, हर्बल गुलाल, अगरबत्ती तैयार किए जा सकते हैं।
डॉ. सुहृता चक्रवर्ती, प्रोफेसर (पीएचटी), पुष्पविज्ञान केन्द्र के लिए एआईसीआरपी, बीसीकेवी, कल्याणी ने गेंदे से सूखे किण्वित पाउडर तैयार करने की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया। सूखा किण्वित गेंदा पाउडर ल्यूटिन (गेंदा में रंगद्रव्य) से भरपूर होता है और इसे पोल्ट्री फ़ीड एडिटिव के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है जो अंडे की जर्दी और ब्रॉयलर चिकन की त्वचा का रंग बढ़ाएगा और पोल्ट्री उत्पादों की पोषण प्रोफ़ाइल को बढ़ाएगा।
कार्यक्रम में भाकृअनुप-डीएफआर, भाकृअनुप-सीटीआरआई, भाकृअनुप-सीटीआरआई केवीके एवं भाकृअनुप-सीआईएफई, क्षेत्रीय स्टेशन, बलभद्रपुरम के वैज्ञानिकों ने भी भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-सीटीआरआई)
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