23 मई,, 2023, नई दिल्ली
आईसीटी यूनिट, भाकृअनुप द्वारा आज कृषि भवन में एक दिवसीय इंटरैक्टिव सत्र-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में पचास से अधिक वैज्ञानिकों तथा कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अधिकारियों ने भाग लिया।


प्रारंभ में, डॉ. अनिल राय, सहायक महानिदेशक (आईसीटी) ने अपने स्वागत संबोधन में सभी प्रतिभागियों को बढ़ते साइबर हमलों के प्रति संवेदनशीलता एवं लगातार जागरूकता के महत्व पर प्रकाश डाला।
श्री दविंदर कुमार, वरिष्ठ सलाहकार, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (आईसीसीसीसी), गृह मंत्रालय ने कहा कि भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र की स्थापना, भारत सरकार द्वारा 2018 में, गृह मंत्रालय के तहत साइबर अपराधों की जांच करने और राज्यों एवं संघीय क्षेत्र के बीच समन्वय के लिए की गई थी। उन्होंने सभी प्रकार के साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग के लिए www.cybercrime.gov.in पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर "1930" और साइबर अपराध के कारण होने वाले नुकसान को कम करने के लिए गोल्डन आवर के महत्व के बारे में भी जानकारी दी। श्री दविंदर कुमार ने साइबर स्पेस में लगातार विकसित हो रहे साइबर अपराधों के संबंध में "जागरूकता से ही सुरक्षा" के महत्व पर प्रकाश डाला।

प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों, जैसे - वर्तमान साइबर सुरक्षा की आशंका तथा उनके खिलाफ सुरक्षा के लिए रणनीति, हैकर्स द्वारा उपयोग की जाने वाली वर्तमान आक्रमण योजना, मैलवेयर, पासवर्ड हमले, ई-मेल स्पूफिंग, सरकारी विभागों में साइबर सुरक्षा ऑडिट में महत्वपूर्ण खोज, क्रेडिट/ डेबिट कार्ड तथा सुरक्षा युक्तियाँ, डंपस्टर डाइविंग एवं सावधानियाँ तथा साइबर सुरक्षा के छह स्तंभों पर भी चर्चा की गई।
श्री जी.पी. शर्मा, संयुक्त सचिव (वित्त) ने क्रेडिट कार्ड और वित्तीय धोखाधड़ी के विभिन्न पहलुओं तथा ढांचे के भीतर पीड़ितों के लिए उपलब्ध सहायता पर चर्चा की।
प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण सत्र के बाद साइबर हाइजीन पर ऑनलाइन क्विज का भी आयोजन किया।
डॉ. हिमांशु, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं सीआईएसओ तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
(स्रोत: आईसीटी यूनिट, भाकृअनुप)
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