यूएसए के लिए भाकृअनुप-राष्ट्रीय अनार अनुसंधान केन्द्र से अनार की पहली खेप की शुरुआत

यूएसए के लिए भाकृअनुप-राष्ट्रीय अनार अनुसंधान केन्द्र से अनार की पहली खेप की शुरुआत

28 फरवरी, 2024, वाशी, नवी मुंबई

भाकृअनुप-राष्ट्रीय अनार अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीपी), सोलापुर ने कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण, नई दिल्ली, राष्ट्रीय पादप संरक्षण संगठन, नई दिल्ली महाराष्ट्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड, महाराष्ट्र सरकार, और आईएनआई फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड, वाशी, नवी मुंबई के सहयोग से भारत से संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए 12.6 टन विकिरणित अनार फलों की पहली समुद्री खेप शुरू की।

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अतिरिक्त सचिव, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार, श्री राजेश अग्रवाल ने इस प्रयास में शामिल विभिन्न हितधारकों के सहयोग और समन्वय को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि भारत में विविध कृषि जलवायु परिस्थितियाँ भारत से विभिन्न वस्तुओं के निर्यात में सुधार के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करती है।

भाकृअनुप-एनआरसी अनार, सोलापुर के निदेशक, डॉ. आर.ए. मराठे ने अपने स्वास्थ्य लाभों और न्यूट्रास्युटिकल मूल्य के कारण भारतीय फलों एवं सब्जियों की निर्यात टोकरी में अनार की क्षमता को रेखांकित किया।

एपीडा के अध्यक्ष, श्री अभिषेक देव ने कहा कि भारतीय अनार का निर्यात साल दर साल 20% की दर से लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय अनार निर्यात में मील का पत्थर साबित होगा।

प्रतिबंध के कारण भारत से अमेरिका को अनार फल का निर्यात 2018 में रोक दिया गया था। यूएसडीए-एपीएचआईएस ने अब एक नई परिचालन कार्य योजना निर्धारित की है, जिसमें सर्फैक्टेंट वॉश, सतह कीटाणुशोधन, विकिरण और पैकेजिंग शामिल है। पहला परीक्षण हवाई शिपमेंट जुलाई 2023 में न्यूयॉर्क भेजा गया था। हालांकि, हवाई माल ढुलाई की उच्च लागत भारतीय निर्यातकों के लिए अमेरिकी बाजारों में प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल बना देती है। 20000 किमी की यात्रा दूरी और 35 दिन की यात्रा के समय के कारण समुद्री मार्ग अपनाना चुनौतीपूर्ण है। सोलापुर में भाकृअनुप-एनआरसीपी में सफल स्थैतिक भंडारण परीक्षणों ने समुद्री शिपमेंट का मार्ग प्रशस्त किया है, जिससे प्रतिस्पर्धी बने रहने के साथ-साथ प्रीमियम अमेरिकी बाजारों में निर्यात के अवसर खुल गए हैं।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय अनार अनुसंधान केन्द्र, सोलापुर)

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