18 जनवरी, 2025, कोलकाता
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (@nsgblackcats) ने आज एनएसजी आरएच, कोलकाता परिसर में ‘श्री अन्न मेला’ के सफल आयोजन के लिए भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता तथा हावड़ा कृषि विज्ञान केन्द्र के साथ सहयोग किया। यह मेला एनएसजी के परिवार के सदस्यों सहित सेवारत कर्मियों के बीच श्री अन्न के स्वास्थ्य एवं पोषण संबन्धी लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करने हेतु आयोजित किया गया था।
श्री अन्न मेले का उद्घाटन एनएसजी के 29 स्पेशल कम्पोजिट ग्रुप के ग्रुप कमांडर कर्नल अनिल कुमार ने किया। उन्होंने भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता और हावड़ा, केवीके के सहयोगात्मक प्रयासों की सराहना की तथा इस प्रभावशाली आयोजन को सफल बनाने में उनके निर्बाध समन्वय पर प्रकाश डाला, जिसमें स्वस्थ भविष्य को बढ़ावा देने में श्री अन्न के महत्व का जश्न मनाया गया।
भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता के निदेशक, डॉ. प्रदीप डे ने विज्ञान, सुरक्षा और स्थिरता को एकजुट करने वाली सहयोगी भावना पर जोर दिया। एनएसजी के आदर्श वाक्य, "सर्वत्र सर्वोत्तम सुरक्षा" से प्रेरित होकर, उन्होंने सुरक्षा के प्रति उनके समर्पण एवं कमांडो तथा उनके परिवारों के लिए पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने में बाजरे की आवश्यक भूमिका के बीच समानता पर प्रकाश डाला। डॉ. डे ने कम पानी के पदचिह्न वाली जलवायु-लचीली फसल के रूप में श्री अन्न के महत्व पर जोर दिया, जो एंटीऑक्सीडेंट और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर है, उन्हें स्वास्थ्य की सुरक्षा तथा एक स्थायी भविष्य को बढ़ावा देने के लिए प्रकृति का उपहार बताया।
हावड़ा केवीके ने अपने स्टॉल पर सूचनात्मक पोस्टरों के माध्यम से श्री अन्न के पोषण मूल्य एवं उत्पादन तकनीकों का प्रदर्शन किया। एनएसजी के परिवार के सदस्यों ने श्री अन्न से बने व्यंजन पेश करते हुए सर्वश्रेष्ठ व्यंजन प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसमें नवाचार और संवेदी मूल्यांकन (स्वाद, सुगंध, उपस्थिति एवं बनावट) के आधार पर पुरस्कार दिया गया।
हावड़ा केवीके ने खिचड़ी (बार्नयार्ड श्री अन्न) तथा खीर (फॉक्सटेल श्री अन्न) भी तैयार की और इसे परोसा गया, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया। एनएसजी कर्मियों ने ज्वार की खिचड़ी, बाजरा टिक्का और ज्वार का हलवा जैसे व्यंजन पेश किया, जिन्हें उपस्थित लोगों में बांटा भी गया।
इस कार्यक्रम का समन्वयन मेजर जहीर इकबाल, एनएसजी आरएच, कोलकाता और डॉ. किरणमय बारुई, प्रमुख, हावड़ा, केवीके द्वारा किया गया। मेले में लगभग 200 लोगों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
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