एआईसीआरपीडीए की XIX कार्य समूह बैठक और एआईसीआरपीडीए-एनआईसीआरए की XII वार्षिक समीक्षा बैठक का आयोजन

एआईसीआरपीडीए की XIX कार्य समूह बैठक और एआईसीआरपीडीए-एनआईसीआरए की XII वार्षिक समीक्षा बैठक का आयोजन

6- 8 जनवरी, 2025, परभणी

शुष्क भूमि कृषि के लिए अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की XIX कार्य समूह बैठक तथा एआईसीआरपीडीए-जलवायु लचीले कृषि में राष्ट्रीय नवाचारों की XII वार्षिक समीक्षा बैठक 6- 8 जनवरी, 2025 तक परभणी में वसंतराव नाइक मराठवाड़ा कृषि विद्यापीठ (वीएनएमकेवी) में आयोजित की गई।

मुख्य अतिथि, भाकृअनुप के उप-महानिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन), डॉ. एस.के. चौधरी ने सटीक वर्षा आधारित कृषि तथा शुष्क भूमि के किसानों की आय बढ़ाने पर अधिक ध्यान देने का आग्रह किया।

वीएनएमकेवी-परभणी के कुलपति, प्रो. (डॉ.) इंद्र मणि मिश्रा ने मशीनीकरण, जोखिम प्रबंधन, नव विकसित सूखा प्रतिरोधी किस्मों और पशुधन आधारित कृषि के माध्यम से शुष्क भूमि कृषि में समयबद्धता पर जोर दिया।

भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद के निदेशक, डॉ. वी.के. सिंह ने एआईसीआरपीडीए नेटवर्क द्वारा विकसित शुष्क भूमि प्रौद्योगिकियों के प्रभाव पर जोर दिया। उन्होंने परिदृश्य स्तर पर सरकार के साथ अभिसरण के माध्यम से सिद्ध जलवायु-लचीली प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण का भी आग्रह किया।

भाकृअनुप-भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान, मोदीपुरम के निदेशक, डॉ. सुनील कुमार ने कृषि में आईएफएस मॉडल, प्राकृतिक खेती तथा किसानों की उपज और आय के स्तर को बढ़ाने के लिए भूमि, जल एवं वनस्पति के एकीकरण पर प्रकाश डाला।

वीएनएमकेवी के अनुसंधान निदेशक, डॉ. के.एस. बेग ने जलवायु-अनुकूल शुष्क भूमि खेती के लिए उन्नत एवं सूखा-प्रतिरोधी किस्मों के उपयोग का आग्रह किया।

कार्यशाला में चल रही एआईसीआरपीडीए गतिविधियों और एआईसीआरपीडीए-निक्रा परियोजना की प्रगति की समीक्षा शामिल थी। तीन दिनों में, छह तकनीकी सत्र एक साथ आयोजित किए गए, और कार्यक्रम को मजबूत करने के लिए बहुमूल्य सुझाव दिया गया। 

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)

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