6 मार्च, 2025, नरेन्द्रपुर
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत, आज भाकृअनुप-शस्य श्यामला कृषि विज्ञान केन्द्र (एसएसकेवीके), रामकृष्ण मिशन विवेकानंद शैक्षिक एवं अनुसंधान संस्थान, पश्चिम बंगाल द्वारा ‘दक्षिण 24 परगना जिले, पश्चिम बंगाल के लिए खरीफ प्याज की वैज्ञानिक खेती तकनीक’ पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का आयोजन बागवानी निदेशालय, पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा समर्थित परियोजना ‘दक्षिण 24 परगना में खरीफ प्याज की खेती की व्यवहार्यता का आकलन’ के तहत किया गया था।
एसएसकेवीके, आरकेएमवीईआरआई के उपाध्यक्ष स्वामी शिवपूर्णानंदजी महाराज ने किसान-केन्द्रित पहलों के प्रति एसएसकेवीके की प्रतिबद्धता और दक्षिण 24 परगना में खरीफ प्याज की खेती शुरू करने में इसकी सफलता पर जोर दिया।
भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता के निदेशक, डॉ. प्रदीप डे ने दक्षिण 24 परगना में खरीफ प्याज की खेती की अपार बाजार क्षमता तथा व्यवहार्यता पर प्रकाश डाला, किसानों की आय बढ़ाने और बाजार में लचीलापन सुनिश्चित करने में इसकी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने मौसमी चुनौतियों से निपटने और पैदावार को अधिकतम करने के लिए वैज्ञानिक खेती पद्धतियों और जलवायु प्रतिरोधी किस्मों की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस कार्यक्रम में भांगोर-II, बरुईपुर, बज बज-I, बज बज-II और कैनिंग-II ब्लॉकों के 30 किसानों ने भाग लिया, जिसका उद्देश्य वैज्ञानिक प्याज की खेती के बारे में उनकी समझ को बढ़ाना था। इस अवसर पर एक व्यावहारिक मैनुअल जारी किया गया और किसानों को वितरित किया गया।
कार्यशाला ने वैज्ञानिक जागरूकता और व्यावहारिक कौशल को बढ़ावा दिया, जिससे किसानों को पश्चिम बंगाल में प्याज की टिकाऊ खेती अपनाने के लिए सशक्त बनाया गया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें