12 जुलाई, 2022, मुंबई
डॉ. एस.एन. झा, उप महानिदेशक (कृषि इंजीनियरिंग), भाकृअनुप ने आज भाकृअनुप-केन्द्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, मुंबई, महाराष्ट्र में "कचरा और संदूषण के आकलन के लिए राष्ट्रीय प्रयोगशाला (एनएलएटीसीसी)" का उद्घाटन किया।
डॉ. झा ने अपने संबोधन में संस्थान द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी को विभिन्न हितधारकों, छात्रों एवं समुदायों के बीच लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। डीडीजी ने 2024 में भाकृअनुप-सिरकोट शताब्दी समारोह के लिए की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों में कपास क्षेत्र के संस्थानों की भागीदारी का भी सुझाव दिया।
डॉ. सुजाता सक्सेना, निदेशक, भाकृअनुप-सिरकोट, मुंबई ने संस्थान में किए जा रहे कृषि-स्टार्ट-अप के विभिन्न अनुसंधान गतिविधियों, कौशल एवं उद्यमिता विकास और वित्त पोषण सहायता कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी।
डॉ. ए.जे. शेख, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-सिरकोट, मुंबई ने कपास के बीज के मूल्यवर्धन में अधिक वैज्ञानिक अनुसंधान करने का आग्रह किया।
कपास में कचरे और संदूषण के मात्रात्मक मूल्यांकन के लिए लैब की स्थापना की गई है और इसमें प्रति 8 घंटे में लगभग 300 नमूनों की कचरा सामग्री को मापने की क्षमता है। इस सुविधा का उद्देश्य भारतीय कपास में मानक विधियों के अनुसार परिवर्तन तथा कपास की गुणवत्ता मूल्यांकन एवं संदूषण स्तर को कम करना है।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, मुंबई, महाराष्ट्र)
Like on Facebook
Subscribe on Youtube
Follow on X X
Like on instagram