मैनेज, हैदराबाद द्वारा शुरू किए गए मॉड्यूल- II के प्रमाणित पशुधन सलाहकार कार्यक्रम के तहत, भाकृएमु-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान (सीएसडब्ल्यूआरआई), अविकानगर ने सीएलए उम्मीदवारों के लिए "भेड़ और बकरी उत्पादन प्रणाली और स्वास्थ्य प्रबंधन पर एक व्यापक प्रशिक्षण" पर 15 दिनों का प्रशिक्षण 08 फरवरी से 22 फरवरी, 2023 तक आयोजित किया। प्रशिक्षण में भारत के 9 विभिन्न राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, पुडुचेरी, तमिलनाडु तथा अरुणाचल प्रदेश के 23 पशु चिकित्सा पेशेवरों ने भाग लिया। इस प्रकार, भेड़ और बकरी की उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रजनन, चारा, ऊन, मांस, दूध और स्वास्थ्य प्रबंधन सहित भेड़ और बकरी उत्पादन प्रणालियों के क्षेत्र में उपलब्ध उन्नत तकनीकों के साथ प्रशिक्षुओं के कौशल और ज्ञान को फिर से जीवंत करने के लिए यह प्रशिक्षण निष्पादित किया गया था जिससे गरीब किसानों की जीविकोपार्जन को बढ़ाय जा सके।

8 फरवरी, 2023 को उद्घाटन सत्र में कार्यवाहक निदेशक, डॉ. एफ.ए. खान ने अपने प्रेरक संबोधन के साथ इस प्रशिक्षण में सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। प्रशिक्षण सत्र के दौरान संस्थान के निदेशक डॉ. ए.के. तोमर ने प्रतिभागियों को निष्ठा के साथ प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया तथा गरीब किसानों के उत्थान में छोटे जुगाली करने वाले पशुओं के उत्पादन के महत्व, गरीबी उन्मूलन और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में छोटे जुगाली करने वाले पशुओं के बहुमूल्य योगदान को रेखांकित किया।
समापन सत्र के अवसर पर, डॉ. आर.एस. भट्ट (कार्यवाहक निदेशक) ने प्रमाण पत्र वितरित किए और प्रशिक्षण के सफल समापन के लिए सभी प्रतिभागियों को बधाई दी। समन्वयक, डॉ. जी.जी. सोनवणे (प्रधान वैज्ञानिक) ने जानकारी दी कि केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर द्वारा विकसित ट्रिपल क्रॉस नस्ल आविषाण के विकास सहित उत्पादन, स्वास्थ्य, पोषण, मांस और ऊन प्रौद्योगिकियों को संस्थान के संबंधित वैज्ञानिक द्वारा पंद्रह दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान पढ़ाया गया। प्रशिक्षण की प्रतिक्रिया की सभी प्रतिभागियों ने सराहना की और भाकृअनुप-सीएसडब्ल्यूआरआई और मैनेज, हैदराबाद को धन्यवाद दिया, उन्होंने व्यक्त किया कि इससे अभिनव व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया है जो जीवन में कभी नहीं मिला और इस लक्ष्य प्राप्त करने के लिए आतिथ्य और संस्थान की कार्यशैली की सराहना की। मैनेज के प्रोटोकॉल के अनुसार, सीएलए कार्यक्रम अपने मॉड्यूल- II के पूरा होने के साथ सभी प्रतिभागी मॉड्यूल- III में प्रवेश करेंगे और अंतिम सीएलए प्रमाणन प्राप्त करने के लिए भाकृअनुप-सीएसडब्ल्यूआरआई के परामर्शदाता वैज्ञानिक के मार्गदर्शन में क्षेत्र परीक्षण करेंगे।
प्रशिक्षण का सफलतापूर्वक आयोजन, डॉ. जी.जी. सोनवणे (समन्वयक), डॉ. एस.एस. डांगी (सह-समन्वयक) और डॉ. डी.के. शर्मा (समन्वयक) निदेशक, सीएसडब्ल्यूआरआई- अविकानगर डॉ. ए.के. तोमर (पाठ्यक्रम निदेशक) के मार्गदर्शन और सहयोग में संपन्न हुआ।








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