24 दिसंबर, 2020, पुणे
कृषि विज्ञान केंद्र, बारामती, महाराष्ट्र और भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे, महाराष्ट्र ने संयुक्त रूप से आज ‘सब्जियों की उच्च तकनीक खेती और सब्जियों में ग्राफ्टिंग (डच प्रौद्योगिकी)’ पर एक आभासी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।
डॉ. लाखन सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, पुणे, महाराष्ट्र ने कृषि विज्ञान केंद्र, बारामती, महाराष्ट्र में सब्जियों के लिए उत्कृष्टता केंद्र की गतिविधियों की सराहना की। उन्होंने उच्च गुणवत्ता वाली रोपण तैयार करने में इस्तेमाल होने वाली ग्राफ्टिंग (कलम बाँधना) तकनीक के बारे में बताया कि वे रोग-सहिष्णु और उच्च उपज देते हैं। उन्होंने किसानों को 45 लाख ग्राफ़्टेड और गैर-ग्राफ़्टेड गुणवत्ता वाली सब्जी रोपण की आपूर्ति तथा 350 मीट्रिक टन सब्जियों (भिंडी, मिर्च, लौकी, क्लस्टर बीन और बटरनट) का निर्यात और केंद्र द्वारा एफपीओ/एफपीसी संपर्कों के माध्यम से 9,000 किसानों के साथ सहयोग के बारे में भी बताया।
डॉ. आर. एस. जाधव, प्रमुख, केवीके, बारामती, महाराष्ट्र ने उच्च तकनीक सब्जी की खेती के बारे में सफल उद्यमियों के अनुभवों को साझा किया।
श्री नीक बॉटन, हॉलैंडडोर कोऑपरेटिव यूए; नीदरलैंड, ने 'ग्रीनहाउस खेती प्रणाली निम्न से उच्च तकनीक’ पर अपने व्याख्यान में फसल उत्पादन के दौरान जलवायु प्रबंधन, प्रजनन प्रबंधन और कीट प्रबंधन के महत्त्व पर जोर दिया। उन्होंने नवीन प्रौद्योगिकी, उत्पादन ज्ञान और प्रभावी मूल्य-श्रृंखला अवधारणाओं का उपयोग करके कम के साथ अधिक उत्पादन करने पर जोर दिया।
कार्यक्रम में महाराष्ट्र के 36 केवीके, गुजरात के 12 केवीके और गोवा के 1 केवीके का प्रतिनिधित्व करते हुए 49 विषय-विशेषज्ञों (बागवानी) द्वारा कुल भागीदारी दर्ज की गई।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे, महाराष्ट्र)
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