15 अक्टूबर, 2020, पुणे
डॉ. त्रिलोचन महापात्र, सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) एवं महानिदेशक (भा.कृ.अनु.प.) ने आज महिला किसान दिवस के अवसर पर भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे, महाराष्ट्र द्वारा आयोजित ‘महिला किसान: नए युग के कृषि परिवर्तनकारी अभियंता’ पर वेबिनार का उद्घाटन किया। वेबिनार का आयोजन संयुक्त रूप से कृषि विज्ञान केंद्र, पुणे-II और कृषि विज्ञान केंद्र, कोल्हापुर-II, महाराष्ट्र के सहयोग से किया गया था।
डॉ. महापात्र ने अपने उद्घाटन संबोधन में भारत में महिला किसानों के त्रुटिहीन कार्यों पर प्रकाश डाला। महानिदेशक ने कृषि विज्ञान केंद्रों से कृषि और सेवा क्षेत्र में महिलाओं के डेटाबेस के विकास के लिए आग्रह किया। संतुलित भोजन और कुपोषण के विभिन्न घटकों के बारे में अधिक-से-अधिक जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन भी महानिदेशक के संबोधन के प्रमुख बिंदु थे। डॉ. महापात्र ने पोषण थाली व पोषण वाटिका आदि सहित खाद्य एवं पोषण सुरक्षा कार्यक्रमों को लागू करने की दिशा में घरेलू स्तर पर पहुँचने की रणनीति योजना विकसित करने पर जोर दिया।
डॉ. अशोक कुमार सिंह, उप महानिदेशक (कृषि विस्तार), भाकृअनुप ने कृषि महिलाओं को सशक्त बनाने में केवीके की भूमिका की सराहना करते हुए महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की समस्या, खाद्य उपभोग स्वरूप, जैव-फोर्टिफाइड फसलों/किस्मों की पहचान करने पर जोर दिया। डॉ. सिंह ने केवीके से पोषण उद्यान मॉडल, पोषण थाली, गुणवत्तापूर्ण भोजन के उत्पादन के लिए अभियान मोड में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को उन्मुख करने, वर्ष भर के लिए सब्जियों का उत्पादन करने और पोषण सुरक्षा करने का आग्रह किया।
डॉ. (श्रीमती) आर. वी. भवानी, निदेशक (कृषि-पोषण-स्वास्थ्य), एम. एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन, चेन्नई ने ग्रामीण क्षेत्रों में कुपोषण की समस्या के समाधान का आग्रह किया। वर्धा के एक केस स्टडी (मामले का अध्ययन) का हवाला देते हुए आहार पैटर्न, पोषण की कमी और बच्चों एवं महिलाओं में कुपोषित समस्या पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने संतुलित गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ खाने के लिए जैव-सुदृढ़ (बायो-फोर्टिफाइड) फसलों को उगाने पर जोर दिया।
डॉ. लाखन सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, पुणे, महाराष्ट्र ने कृषि के हर क्षेत्र में, विशेष रूप से विपणन और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की स्थापना में महिला उद्यमियों की विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने केवीके से और अधिक महिला उद्यमियों को विकसित करने तथा आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में मदद करने का आग्रह किया।
श्रीमती स्वाति ए. शिंगडे (एक महिला उद्यमी) ने महिला किसानों से समूह आधारित खेती के लिए प्रयास करने का आग्रह किया। उन्होंने जैविक और अन्य कृषि उपज के लिए बेहतर बाजार लिंकेज हेतु किसान उत्पाद संगठन (एफपीओ) विकसित करने पर भी जोर दिया।
कुल मिलाकर देश भर के 590 किसान महिलाओं और विषय-विशेषज्ञों (गृह विज्ञान) ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे, महाराष्ट्र)
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