26 नवंबर, 2022, पालमपुर
भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि कीट संसाधन ब्यूरो, बेंगलुरु ने चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर के साथ आज यहां कीट वर्गीकरण, अर्द्ध रसायन, परागण और जैविक नियंत्रण के क्षेत्रों में छात्रों के सहयोगात्मक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।


डॉ. टी.आर. शर्मा, उप महानिदेशक (फसल विज्ञान), डॉ. हरिंदर कुमार चौधरी, कुलपति, सीएसकेएचपीकेवी, पालमपुर और डॉ. एस.एन. सुशील, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएआईआर की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
डॉ. टी.आर. शर्मा ने भाकृअनुप-एनबीएआईआर, बेंगलुरु में राष्ट्रीय कीट संग्रहालय में रखे गए विशाल कीट संग्रह की सराहना की। उन्होंने भौंरे के संवर्धन की आवश्यकता और पॉलीहाउस परागण में उनके उपयोग की संभावित गुंजाइश पर भी प्रकाश डाला।
डॉ. हरिंदर कुमार चौधरी ने संसाधनों के प्रभावी उपयोग के लिए पीजी छात्रों के अनुसंधान की विशेषज्ञता और सुविधाओं को साझा करने पर जोर दिया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में उगाई जाने वाली फसलों में उभरते/नए कीटों से निपटने के लिए ब्यूरो के साथ सहयोग पर भी जोर दिया।
डॉ. एस.एन. सुशील ने विभिन्न कीट आदेशों, एपिस / गैर-एपिस मधुमक्खियों के संरक्षण, आक्रामक कीड़ों के जैविक नियंत्रण, अर्ध रासायनिक आधारित कीट प्रबंधन रणनीति, धीमी गति से रिलीज नैनो फेरोमोन फॉर्मूलेशन और आणविक लक्षण वर्णन और कीड़ों के जीनोम अनुक्रमण और कीड़ों के डीएनए बारकोडिंग में ब्यूरो की टैक्सोनॉमिक विशेषज्ञता की भी जानकारी दी।
डॉ. ए.डी. पाठक, निदेशक, भाकृअनुप-भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ, डॉ. संजय कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, मऊ, डॉ. वी.के. शर्मा, अनुसंधान निदेशक, विभिन्न कॉलेजों के सभी डीन, विभागों के प्रमुख और सीएसकेएचपीकेवी और भाकृअनुप-एनबीएआईआर के वैज्ञानिक इस अवसर पर उपस्थित थे। भाकृअनुप संस्थानों के साथ भावी सहयोग के लिए एक विचार मंथन सत्र भी आयोजित किया गया।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि कीट संसाधन ब्यूरो, बेंगलुरु)








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