12 दिसंबर, 2022, लखनऊ
भाकृअनुप-राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएफजीआर), लखनऊ ने आज यहां अपना 39वां स्थापना दिवस मनाया। ब्यूरो की स्थापना, 1983 में बौद्धिक संपदा संरक्षण, सतत उपयोग और भावी पीढ़ी के लिए भारत के मछली आनुवंशिक संसाधनों के आकलन और संरक्षण की दृष्टि से की गई थी। संस्थान देश के विभिन्न जलीय संसाधनों में अपने अन्वेषण कार्यक्रमों और नई मछली प्रजातियों की खोज के माध्यम से प्राकृतिक जलीय संपदा के बारे में देश के ज्ञान के आधार पर महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।


मुख्य अतिथि, डॉ. डब्ल्यू.एस. लकड़ा, पूर्व निदेशक और कुलपति, भाकृअनुप-सीआईएफई, मुंबई और भाकृअनुप-एनबीएफजीआर ने लाइव फिश जर्मप्लाज्म रिसोर्स सेंटर में उच्च मूल्य वाली मछली प्रजातियों पर एक वेट लैब का उद्घाटन किया।
प्रो. ए.एन. मुखोपाध्याय, पूर्व कुलपति, असम कृषि विश्वविद्यालय, जोरहाट; डॉ. बी.के. दास, निदेशक, भाकृअनुप-सिफरी, बैरकपुर; डॉ. ए.के. सिंह, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-डीसीएफआर, भीमताल इस अवसर पर उपस्थित थे।
डॉ. यू.के. सरकार, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएफजीआर ने इसकी स्थापना के बाद से ब्यूरो की उत्पत्ति, विकास एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि लखनऊ में इसकी स्थापना का प्रथम उद्घाटन भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री, श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 10 जून, 1999 को किया था।
डॉ. बी. दास द्वारा 'खाद्य और आजीविका सुरक्षा के लिए अंतर्देशीय मत्स्य संसाधनों का सतत उपयोग और प्रबंधन' पर स्थापना दिवस व्याख्यान दिया गया।
इस अवसर पर, ई-संसाधनों की एक श्रृंखला जिसमें एक किसान कॉर्नर, एक करियर कॉर्नर, 'इचथ्योफनल विविधता और भारत के थार रेगिस्तानी क्षेत्र में लूनी नदी की आवास स्थिति' पर ई-पुस्तक; संस्थान द्वारा ई-न्यूज़लेटर और गंगा एक्वेरियम का लोगो - भाकृअनुप-एनबीएफजीआर द्वारा दायर पहला ट्रेडमार्क, जारी किया गया।
यहां, कर्मचारियों और चयनित प्रगतिशील किसानों को वार्षिक संस्थान पुरस्कार प्रदान किए गए साथ ही इस अवसर पर भाकृअनुप-एनबीएफजीआर के सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सुविधा प्रदान करने की घोषणा की गई।
स्थापना दिवस के अवसर पर एक फार्म इनोवेटर्स डे का भी आयोजन किया गया जिसमें 30 आमंत्रित किसानों ने भाग लिया।
गोमती नदी से चन्ना मारुलियस के जंगली स्टॉक को पालतू बनाने के लिए छोड़ा गया था।
इस अवसर पर अगत्ती द्वीप, लक्षद्वीप में समुद्री आभूषणों के लिए भाकृअनुप-एनबीएफजीआर सुविधा को छात्रों के भ्रमण के लिए खोला गया।
लक्षद्वीप में 'समुद्री जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन: मेरी टिप्पणियों' पर एक निबंध प्रतियोगिता भी आयोजित की गई।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, लखनऊ)








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