7 दिसंबर 2022, बीकानेर, बेंगलुरु
भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर और भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु ने सहयोगी अनुसंधान और विकास और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए आज एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

डॉ. कलाबंधु साहू, निदेशक, भाकृअनुप-एनआरसीसी और कैप्टन श्रीधर वारियर, रजिस्ट्रार, आईआईएससी ने संबंधित संगठनों की ओर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
डॉ. अर्तबंधु साहू ने एनआरसीसी, बीकानेर और आईआईएससी, बेंगलुरु के वर्तमान सहयोग के बारे में जानकारी दी, जिसका उद्देश्य सुरक्षित तथा अधिक प्रभावी एंटी-स्नेक वेनम डेवलपमेंट है, और "कैमल इम्यूनोलॉजी" और "जलवायु रेजिलिएंट फेनोमेना” पर आईआईएससी, बेंगलुरु के साथ भविष्य के सहयोगी अनुसंधान और विकास की पहल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जैव चिकित्सा अनुसंधान में इसकी उपयोगिता को बढ़ावा देने तथा ऊंट उत्पादन प्रणाली में सुधार के लिए यह समझौता ज्ञापन काफी सहायक होगा।
कैप्टन श्रीधर वारियर ने सहयोग के दायरे का विस्तार करने के लिए एनआरसीसी के साथ एक शैक्षिक लिंक स्थापित करने पर जोर दिया। उन्होंने दोहराया कि एनआरसीसी द्वारा इस पर किये गये कार्य और वैश्विक स्तर पर ऊंटों के विभिन्न पहलुओं पर किए गए शोध से इस प्रजाति की विशिष्ट पहचान का पता चलता है।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर)








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