5 जनवरी,2023, पासीघाट, अरुणाचल प्रदेश
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट में केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, (इम्फाल) के तहत कृषि महाविद्यालय के शैक्षणिक-सह-प्रशासनिक भवन तथा ट्रांजिट छात्रावास का उद्घाटन, श्री पेमा खांडू, मुख्यमंत्री, अरुणाचल प्रदेश सरकार; श्री तपीर गाओ, संसद सदस्य; इंजी. तागे तकी, कृषि, बागवानी, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री, अरुणाचल प्रदेश सरकार; डॉ. अनुपम मिश्रा, कुलपति, केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इम्फाल, मणिपुर और डॉ. ए.के. त्रिपाठी, डीन, कृषि कॉलेज, पासीघाट, अरुणाचल प्रदेश की उपस्थिति में किया।


इस अवसर पर बोलते हुए, श्री तोमर ने आशा व्यक्त की कि नई सुविधाएं छात्रों को और अधिक मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित करेंगी। “कृषि देश में सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है, और भारत सरकार खेती को अधिक लाभदायक बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्यों में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए केन्द्रीय वित्त पोषण की कोई बाधा नहीं होगी साथ ही उत्तर-पूर्वी राज्यों में जैविक खेती की असीमित संभावनाएं हैं, जिसके लिए केन्द्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही हैं। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों में आजीविका सुरक्षा तथा विकास के लिए कृषि को महत्व देते हुए कृषि शिक्षा और अनुसंधान के माध्यम से कृषि गतिविधियों को और अधिक मजबूत किया जा रहा है।
श्री पेमा खांडू, मुख्यमंत्री, अरुणाचल प्रदेश सरकार ने अपने किसान-केन्द्रित प्रमुख कार्यक्रमों के साथ आठ वर्षों की अवधि में किसानों की छवि को 'गरीब' से 'गौरवशाली उद्यमी' बनाने के लिए केन्द्र सरकार को श्रेय दिया। पूर्वी सियांग जिले में कृषि कॉलेज के उदघाटन में गुरुवार को, खांडू ने कहा कि "केन्द्र और राज्य दोनों के प्रमुख कार्यक्रमों का लाभ उठाने के लिए कई युवा उद्यमी, आने वाले समय में, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में निवेश करने के इच्छुक हैं।"
इस अवसर पर दो दिवसीय किसान मेले का भी आयोजन किया गया जिसमें लगभग 850 किसानों ने कार्यक्रम में भाग लिया।
मेले में सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के 20 स्टालों ने अपनी प्रौद्योगिकियों/उत्पादों का प्रदर्शन किया। यहां पर आलू और कंद फसल की खेती की उन्नत कृषि तकनीकों को अपनाने पर किसानों की प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए एक किसान-वैज्ञानिक इंटरफ़ेस संवाद का आयोजन किया गया।
डॉ. राजेश कुमार, निदेशक, अटारी, गुवाहाटी, 8 केवीके, भाकृअनुप रिसर्च कॉम्प्लेक्स, बसर, अरुणाचल प्रदेश, असम कृषि विश्वविद्यालय के अधिकारियों, लगभग 65 छात्रों, 30 लाइन विभाग के अधिकारियों ने किसान मेले में भाग लिया।
(स्रोत: कृषि महाविद्यालय, केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय (इम्फाल), पासीघाट, अरुणाचल प्रदेश)








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