18 जनवरी, 2023, जोधपुर
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-II, जोधपुर ने आज अपने परिसर में हरियाणा तथा दिल्ली के केवीके के लिए कार्य योजना कार्यशाला का आयोजन किया।
उद्घाटन सत्र में, प्रो. वी.डी. प्रदीप कुमार प्रजापति, कुलपति, डॉ. एस.आर. राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर ने कृषक समुदाय की आय को बनाए रखने के लिए मौजूदा कृषि प्रणाली के तहत हर्बल वृक्षारोपण को शामिल करने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि पशुधन क्षेत्र को बढ़ावा देने को महत्व दिया जाना चाहिए क्योंकि हरियाणा राज्य में कृषि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पशुधन का योगदान लगभग 30 प्रतिशत है।

डॉ. एस.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, जोधपुर ने कहा कि देश के कृषि विकास के वर्तमान संदर्भ में कृषि ड्रोन का उपयोग और प्राकृतिक खेती को अपनाना सबसे प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं। उन्होंने फसलों, सब्जियों, फलों, पशुधन, मत्स्य पालन आदि के वर्तमान परिदृश्य पर प्रकाश डाला और तदनुसार कृषक समुदाय की विभिन्न श्रेणियों के लाभ के लिए कार्य योजना तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया।
डॉ. बलवान मंडल, विस्तार शिक्षा निदेशक, सीसीएसएचएयू, हिसार ने हरियाणा की विभिन्न कृषि स्थितियों के लिए प्रासंगिक विभिन्न तकनीकी पैकेजों की जानकारी दी। उन्होंने भागीदारी मोड में फ्रंट लाइन प्रदर्शनों के उचित और प्रभावी निष्पादन का भी उल्लेख किया। इस अवसर पर फोल्डर के रूप में विभिन्न साहित्य का विमोचन किया गया।
हरियाणा तथा दिल्ली के कुल 19 केवीके ने कार्य योजना कार्यशाला में सक्रिय रूप से भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-II, जोधपुर)








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