8-9 फरवरी, 2023, भोपाल
बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष - 2023 मनाने के लिए, भाकृअनुप-केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल ने भाकृअनुप-केन्द्रीय कृषि महिला संस्थान, भुवनेश्वर के सहयोग से "बाजरा के उत्पादन तथा प्रसंस्करण के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने" पर एक कार्यशाला-सह-प्रदर्शनी का आयोजन (8-9 फरवरी, 2023) किया गया।
मुख्य अतिथि, श्री राजीव चौधरी, निदेशक (कृषि अभियांत्रिकी), मध्य प्रदेश सरकार ने अपना अनुभव साझा किया कि कैसे बाजरा खाने से उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ और आशा व्यक्त की कि बाजरा का उत्पादन तथा प्रसंस्करण करने के लिए महिलाएं बड़ी संख्या में आएंगी जिससे महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ समाज के स्वास्थ्य में भी सुधार होगा।

डॉ. सी.आर. मेहता, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएई ने मोटे अनाज के साथ-साथ मूल्य वर्धित उत्पादों के उत्पादन तथा प्रसंस्करण के लिए संस्थान में उपलब्ध मशीनरी के बारे में जानकारी दी।
डॉ. मृदुला देवी, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईडब्ल्यूए ने कहा कि बाजरा प्रौद्योगिकी के निरंतर अनुसंधान एवं प्रसार से महिला किसानों की आय में वृद्धि होगी और स्वास्थ्य लाभ भी मिलेगा।

बाजरा के क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कार्यशाला का आयोजन और इसके विभिन्न लाभ के बारे में आयोजन सचिव, डॉ. दीपिका अग्रहार मुरुगकर, प्रधान वैज्ञानिक, भाकृअनुप-सीआईएई द्वारा जानकारी प्रदान की गई।
इस दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान, बाजरा पर तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिसके द्वारा क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञों ने महिला किसानों के साथ अपनी अंतर्दृष्टि साझा की।
भाकृअनुप-सीआईएई द्वारा विकसित विभिन्न बाजरा प्रसंस्करण उपकरण/ उत्पादों के साथ-साथ महिला किसानों द्वारा विकसित और विपणन किए गए उत्पादों को लोगों के सामने लाने के लिए एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था।
9 फरवरी को, किसान-हितधारक-उद्योग इंटरफेस बैठक आयोजित की गई जहां एफपीओ में महिला किसानों के नेताओं को प्रतिभागियों के साथ अपने अनुभव साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया।
यहां पर महिलाओं द्वारा उपयोग एवं व्यवहार में लाने के अनुकूल उपकरणों और महिला किसानों के लिए वित्त पोषण के अवसरों पर चर्चा की गई। मोटे अनाज उत्पादन के क्षेत्र में काम कर रहे कई महिलाओं के नेतृत्व वाले एफपीओ, उद्यमियों तथा गैर सरकारी संगठनों ने अपने अनुभव साझा किए।
इस कार्यक्रम में बैतूल, श्योपुर, छतरपुर, रायसेन, सीहोर और बैरसिया जिलों की महिला किसानों सहित लगभग 350 लोगों सहित महिला एवं बाल विकास विभाग, मध्य प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि; मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन; एनजीओ (वेल्ट हंगर हाईलाइफ, एमपी विज्ञान सभा, सॉलिडैरिडैड, सनराइज रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी) और उद्योग जगत (जैव-पोषक तत्व, वसुंधरा कृषि यंत्र, धरती एग्रो, शिव एग्रो सॉल्यूशंस, रमन ग्रीन्स) ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल)








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