भाकृअनुप-एनआरसीसी द्वारा जनजातीय क्षेत्रों में कृषक-वैज्ञानिक संवाद एवं पशु शिविर का आयोजन

भाकृअनुप-एनआरसीसी द्वारा जनजातीय क्षेत्रों में कृषक-वैज्ञानिक संवाद एवं पशु शिविर का आयोजन

24-25 फरवरी, 2023, बीकानेर

भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीसी), बीकानेर द्वारा जनजातीय उप-योजना (टीएसपी) के तहत 24-25 फरवरी के दौरान आबू रोड़ (जिला सिरोही) के जनजातीय क्षेत्रों में कृषक-वैज्ञानिक संवाद एवं पशु स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया।

 इस दो दिवसीय जनजातीय गतिविधियों में सम्मिलित हुए केन्द्र के वैज्ञानिक एवं तकनीकी समूह से परस्पर विचार-विमर्श करते हुए केन्द्र के निदेशक, डॉ. आर्तबन्धु साहू ने बताया कि टीएसपी, भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक महत्वपूर्ण योजना है, इस योजनागत उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार पशुपालकों को उनके व्यवसाय क्षेत्र में सहयोग के साथ-साथ प्रोत्साहन प्रदान हेतु सतत प्रयत्नशील है जिससे उनकी आजीविका में महत्वपूर्ण सुधार लाया जा सके।

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इस अवसर पर केन्द्र  के प्रधान वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी (टीएसपी), डॉ. आर.के. सावल ने कहा कि देश की आबादी तथा उपलब्ध संसाधनों एवं पोषण जरूरतों की दृष्टि से खेती, पशुपालन इत्यादि संसाधनों को समन्वय करते हुए उन्हें आवश्यकता के अनुरूप तैयार करना होगा। इस प्रकार स्थानीय स्तर पर उपलब्ध दूध, पशु उत्पाद और कृषि उपज के विपणन की उचित व्यवस्था करनी होगी। उन्होंने कहा कि अब  पशुपालकों/ किसानों में जागरूकता के साथ-साथ वैज्ञानिक ज्ञान की ओर निर्देशित करना होगा जिससे उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। उन्होंने उष्ट्र  के विकास एवं संरक्षण के तहत, खासकर, मादा उष्ट्र के दूध एवं उष्ट्र पारिस्थितिकी पर्यटन (इको टूरिज्म) संबद्ध  केन्द्र  के बहुआयामी अनुसंधान कार्यों एवं नूतन प्रौद्योगिकियों को इन योजनाओं के माध्यम से पशुपालकों तक पहुंचाने हेतु वैज्ञानिकों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया।   

इस अवसर पर डॉ. शान्तनु रक्षित, वैज्ञानिक द्वारा केन्द्र की प्रसार गतिविधियों विशेषकर ‘ऊंटां री बातां‘ विषयक रेडियो कार्यक्रम एवं नवाचारी प्रयासों की जानकारी देते हुए प्रौद्योगिकियों से जुड़ने हेतु पशुपालकों को प्रेरित किया गया। वहीं, डॉ. काशी नाथ, पशु चिकित्सा अधिकारी ने पशुपालन व्यवसाय में पशुओं के पोषण, प्रबंधन, आश्रय स्थल, स्वच्छता, उसके थनों की जांच, मिश्रित आहार तथा लवण आदि की मात्रा का विशेष ध्यान रखने पर जोर दिया ताकि पशुपालक भाई उष्ट्र पालन से भरपूर लाभ प्राप्त कर सके।

 सिरोही के प्रगतिशील पशुपालक श्री सेवाराम ने पशुधन को लेकर अपनी बात रखते हुए ग्रामीण अंचल में संचालित इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के लिए केन्द्र के प्रति आभार व्यक्त किया। वहीं पशुपालन विभाग, आबू रोड़ के पशु चिकित्सा अधिकारी, डॉ. सांवरिया तथा केन्द्र के पशुधन सहायक, श्री मनजीत सिंह ने गतिविधियों के सफल निष्पादन में सक्रिय सहयोग प्रदान किया।  

इस स्वास्थ्य शिविर में, आबू रोड़ के मोरडु एवं ओर गांवों में केन्द्र  द्वारा आयोजित कृषक-वैज्ञानिक संवाद एवं पशु स्वास्थ्य शिविरों में 347 पशुपालकों द्वारा लाए गए 220 उष्ट्र, 370 गाय, 373 भैंस, 497 भेड़ व बकरी पशुओं सहित कुल 1460 पशुओं में बाह्य एवं अंत: परजीवियों तथा अन्य विभिन्न रोगों के उपचार हेतु वैज्ञानिक टीम द्वारा दवाइयां, टीकाकरण और उचित सलाह देकर लाभान्वित किया गया।

(स्रोतः भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर)

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