27 - 28 मई, 2020, पुणे, महाराष्ट्र
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे, महाराष्ट्र ने 27 से 28 मई, 2020 तक महाराष्ट्र (49) और गोवा (2) के 51 केवीके की आभासी राज्य स्तरीय ऑनलाइन वार्षिक कार्य योजना कार्यशाला का आयोजन किया।

मुख्य अतिथि, डॉ. अशोक कुमार सिंह, उप महानिदेशक (कृषि विस्तार), भाकृअनुप ने केवीके से काम करने के तरीके को बदलने तथा गति और उत्साह बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने आगामी खरीफ के मौसम के साथ-साथ द्वितीयक कृषि, फूलों की खेती, एकीकृत कृषि प्रणाली, विपणन प्रणाली और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन पर जोर दिया। डॉक्टर सिंह ने केवीके विशेषज्ञों से आग्रह किया कि वे बहु-कार्यक होने के साथ-साथ अपनी स्थितियों से निपटने में माहिर हों। उन्होंने घरेलू स्तर पर प्याज/लहसुन जैसी भंडारण प्रणाली बनाने की राय दी। उप महानिदेशक ने प्रत्येक केवीके से किसानों की आय दोगुनी करने के लिए आदर्श मॉडल गाँव विकसित करने का आग्रह किया। उन्होंने अन्य क्षेत्रों में भी जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों को बढ़ाने पर जोर दिया। डॉ. सिंह ने प्रवासी कार्यबल के लिए कौशल आधारित प्रशिक्षण के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों की योजना बनाने पर जोर दिया।
डॉ. के. पी. विश्वनाथ, कुलपति, महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, राहुरी, महाराष्ट्र ने क्षेत्र की विशिष्ट समस्याओं को देखते हुए सावधानीपूर्वक योजना को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने साप्ताहिक योजना, शुरू से अंत तक योजना, बाजार संबंधी समझ और केवीके स्तर पर खेती की लागत में कमी पर भी ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया।
डॉ. एस. के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, जोधपुर ने समस्या-समाधान के दृष्टिकोण को अपनाने, वैकल्पिक समाधान और प्रौद्योगिकी एकीकरण प्रदान करने पर जोर दिया।
डॉ. अतर सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, कानपुर, उत्तर प्रदेश ने केवीके से आग्रह किया कि वे पोषक तत्त्वों से भरपूर छोटे बाजरा, दलहन/तिलहन फसलों के लिए सरल आईपीएम मॉड्यूल और कार्यात्मक प्रदर्शन इकाइयों को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करें।
डॉ. लाखन सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, पुणे ने संकट की स्थिति से निपटने के लिए आकस्मिक योजना बनाने का आग्रह किया। डॉ. सिंह ने कृषि परीक्षणों और अग्रिम प्रदर्शनों के तहत राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और भाकृअनुप-संस्थानों द्वारा विकसित नवीनतम खेती/प्रौद्योगिकियों को शामिल करने पर जोर दिया। उन्होंने दुरुस्त खेती, समयोचित कृषि-सलाह, अग्रिम निवेश प्रबंधन, केवीके फार्म को दूसरों को समझाने और विकासशील तंत्र तक पहुँच बनाने के लिए लाभदायक मॉडल बनाने पर ध्यान केंद्रित करने हेतु जोर दिया।
विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों के विस्तार शिक्षा के निदेशकों ने यथार्थवादी कार्य योजना विकास के लिए केवीके को सुविधा प्रदान की।
केवीके प्रमुखों ने आभासी कार्यशाला के दौरान चालू वर्ष – 2020 के लिए अपनी कार्य योजनाएँ प्रस्तुत कीं।
कार्यशाला में कुल 76 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे, महाराष्ट्र)
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