26 अक्तूबर, 2020, उस्मानाबाद, महाराष्ट्र
कृषि विज्ञान केंद्र, उस्मानाबाद, महाराष्ट्र ने किसानों के लिए आज ‘रबी सीजन मेला’ का आयोजन किया।
डॉ. लाखन सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे, महाराष्ट्र ने उस्मानाबाद जिले के किसानों से तिलहन, दलहन और अनाज फसलों की गुणवत्ता वाले बीज का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने किसानों की आय को दोगुना करने के लिए एकीकृत कृषि प्रणाली और चौड़े क्यारी हल-रेखा तकनीक जैसे सूखा शमन (न्यूनीकरण) तकनीक आदि का सुझाव दिया। डॉ. सिंह ने जैव-पोषक तत्त्वों-अनाज की फसलों का उपयोग करने और जैविक खेती को अपनाने पर जोर दिया।
डॉ. डी. बी. देवसरकर, निदेशक (विस्तार शिक्षा), वसंतराव नाइक मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय, परभणी, महाराष्ट्र ने किसानों को फसल उत्पादन प्रौद्योगिकियों जैसे उन्नत और अल्प अवधि की किस्मों के उपयोग, बीज उपचार और बीबीएफ प्रौद्योगिकी आदि को अपनाने का सुझाव दिया।
डॉ. वसंत सूर्यवंशी, विस्तार कृषि विज्ञानी, आरएईईसी, अम्बेजोगाई ने गेहूँ व कुसुम की गुणवत्ता और उच्च उत्पादन के लिए पंचसूत्री कार्यक्रम को अपनाने की सलाह दी।
एर. सचिन सूर्यवंशी, प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र, उस्मानाबाद, महाराष्ट्र ने रबी मौसम में उगाई जाने वाली जिले की प्रमुख फसलों के बारे में जानकारी दी और इस अवसर पर जल प्रबंधन तकनीकों को साझा किया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे, महाराष्ट्र)
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