11 नवम्बर, 2022, मुरैना
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज यहां मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कृषि विज्ञान केन्द्रों की 29वीं क्षेत्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर, श्री तोमर ने कहा कि केवीके और कृषि वैज्ञानिकों ने देश में कृषि के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
श्री तोमर ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी की इच्छा है कि लोग कृषि की ओर आकर्षित हों, इसके लिए वैज्ञानिकों और किसानों सहित अन्य सभी को प्रोत्साहित करना चाहिए।
उन्होंने किसानों के हित में चर्चा करते हुए कहा कि आज गांव के किसान पूरी तरह जागरूक व शिक्षित हैं। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए वरदान साबित हुआ है, इसका लाभ हर किसान को उठाना चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों में इस योजना के तहत किसानों को 1.24 लाख करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है।
श्री तोमर ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में विभिन्न मुद्दों का समाधान निकालना हमारे कृषि वैज्ञानिकों की जिम्मेदारी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हुई प्रगति के कारण आज दुनिया के कई देश कृषि-खाद्य से संबंधित चीजों पर भारत के साथ चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आह्वान किया कि भारत विश्व में कृषि उत्पादन, दुग्ध उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण में अग्रणी है और निरंतर प्रगति कर रहा है।
इस अवसर पर, केन्द्रीय मंत्री ने केवीके मुरैना में दलहन पर बीज हब; जेएआरएस, मुरैना में तिलहन बीज हब और केवीके द्वारा तकनीकी मॉड्यूल तथा केवीके एवं प्रगतिशील किसानों द्वारा विकसित मूल्य वर्धित उत्पादों को दर्शाने वाली प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
श्री कैलाश चौधरी, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, भारत सरकार ने प्रतिभागियों को संबोधित किया और 12 नवंबर, 2022 को प्रदर्शनी स्टालों का दौरा किया। उन्होंने प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूकता पैदा करने पर जोर दिया और केवीके के वैज्ञानिकों से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में काम करने का आग्रह भी किया।
13 नवंबर, 2022 को समापन सत्र के दौरान, डॉ. वी.पी. चहल, उप महानिदेशक (एई), भाकृअनुप-नई दिल्ली ने अपने संबोधन में आदिवासी क्षेत्रों में भी आईसीटी उपकरण द्वारा किसानों और कृषक महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग में केवीके की नई पहलों के बारे में जानकारी दी। साथ ही, अटारी, जबलपुर के केवीके-एटीएमए कन्वर्जेंस मॉडल को अन्य राज्यों में लागू करने की जरूरत है।
श्री अभय महाजन जी, डीआरआई, चित्रकूट ने केवीके और एसएयू को और मजबूत करने की आवश्यकता बताई।
डॉ. एस.के. राव, कुलपति, आरवीएसकेवीवी, ग्वालियर, म.प्र. कुशल संसाधन उपयोग और सतत विकास के लिए एकीकृत कृषि प्रणाली को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने की वकालत की।
डॉ. ए.के. सिंह, कुलपति, आरएलसीएयू, झांसी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कृषि की तीव्र प्रगति के लिए केवीके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने विपणन रणनीति के साथ खेती की लागत को कम करने पर ध्यान देने के साथ उत्पादन योजना विकसित करने पर जोर दिया ताकि किसान की आय में वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि कृषि में स्टार्ट-अप द्वारा ग्रामीण युवाओं के बीच बढ़ावा देने की आवश्यकता है तथा केवीके को जिले में 20-25 स्टार्ट-अप स्थापित करने का प्रयास भी करनी चाहिए।
डॉ. एस.आर.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, जबलपुर ने अपने स्वागत संबोधन में जोन IX, केवीके की महत्वपूर्ण उपलब्धि पर प्रकाश डाला, जिसके आधार पर केवीके को भाकृअनुप से सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय केवीके पुरस्कार और राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली।
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