एक सूअर वीर्य उत्पादन-सह-प्रसंस्करण केन्द्र और प्रशिक्षण हॉल का पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) तथा डोनर मंत्रालय, भारत सरकार से वित्तीय सहायता के माध्यम से डॉ. भूपेंद्र नाथ त्रिपाठी, उप महानिदेशक (पशु विज्ञान) तथा डॉ. वी.के. गुप्ता, निदेशक, , सूअर के लिए भाकृअनुप-एनआरसी और डॉ. डी.के. सरमा, पूर्व निदेशक, सूअर के लिए भाकृअनुप-एनआरसी की उपस्थिति में आज आधार शिला रखा गया।
इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ. त्रिपाठी ने समग्र सुअर उत्पादकता में सुधार के लिए, देश भर में बेहतर जर्मप्लाज्म के प्रसार को बढ़ावा देने में कृत्रिम गर्भाधान (एआई) की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया।
इससे पहले, डॉ. वी.के. गुप्ता, निदेशक, सूअर के लिए भाकृअनुप-एनआरसी ने अपने स्वागत संबोधन में केन्द्र की हालिया उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।
अब केन्द्र, सूअर वीर्य के अनुसंधान और उत्पादन द्वारा कृत्रिम गर्भाधान (एआई) को पशुपालकों तक पहुंचाएगा तथा विभिन्न हितधारकों को प्रशिक्षण द्वारा सूअर पालन को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप पूर्वोत्तर क्षेत्र और सामान्य रूप से देश के लिए इसका समर्थन करेगा।
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