27 सितंबर, 2022, इंदौर
भाकृअनुप-भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर ने आज 'यूट्यूब चैनल' और 'फेसबुक पेज' के माध्यम से सोयाबीन की उन्नत किस्मों और उत्पादन प्रौद्योगिकियों को कवर करते हुए क्षेत्र के प्रदर्शन प्लॉट का "लाइव वर्चुअल फील्ड विजिट" का आयोजन किया।
डॉ. संजय गुप्ता, निदेशक (प्रभारी), भाकृअनुप-आईआईएसआर ने कहा कि इस "लाइव वर्चुअल प्रोग्राम" के माध्यम से संस्थान द्वारा विकसित सोयाबीन की नवीनतम किस्मों तथा अन्य प्रौद्योगिकियां और प्रथाएं अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचेंगी। उन्होंने यह भी बताया कि संस्थान द्वारा जारी नई किस्मों को मध्य प्रदेश के किसानों के बीच फैलाने के लिए भाकृअनुप-आईआईएसआर नई रणनीति और तंत्र तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि इन किस्मों में कीट/बीमारी के प्रति प्रतिरोधक क्षमता है, जो वर्तमान में सोयाबीन उत्पादकों के लिए गंभीर चिंता का विषय है


डॉ. बी.यू. दुपारे (प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख, फसल उत्पादन) ने बताया कि संस्थान द्वारा विकसित सोयाबीन की चौदह नवीनतम किस्मों को प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस माह के दौरान विभिन्न जिलों के 300 से अधिक प्रगतिशील किसानों ने संस्थान के प्रदर्शन प्लाट में रोपित किस्मों की जानकारी लेने इंदौर का दौरा किया है। डॉ. दुपारे ने कहा कि यह सीधा प्रसारण देश और राज्य के छोटे और सीमांत किसानों के लिए विशेष रूप से आयोजित किया गया था, जिसमें वे घर बैठे अपने मोबाइल फोन पर सोयाबीन की किस्मों और संबंधित तकनीक की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इस वर्ष संस्थान ने अपने प्रदर्शन प्लॉट में सोयाबीन की कुल 14 किस्में उगाई हैं जिसमें, (NRC 130, NRC 138, NRC 142, NRC 150, NRC 152, NRC 127, NRC 128, NRC 136, JS 21-72, हिमएसओ (Himso) 1689, । , RVSM 2011-35, R.S.C. 1046, R.S.C. 1052, और A.M.S. 100-39) है, इन किस्मों की सिफारिश देश के विभिन्न क्षेत्रों/राज्यों के लिए, 1 हेक्टेयर भूखंड पर उगाने के लिए की गई है।
इसके अलावा, सूखे और अत्यधिक वर्षा जैसे प्रतिकूल मौसम की स्थिति में विशेष रूप से उपयोगी अन्य कृषि पद्धतियां उदाहरण के तौर पर, ब्रॉड बेड फरो/रिज एंड फरो विधि का उपयोग करके सोयाबीन की खेती का प्रदर्शन किया गया, इस उत्पादन विधि को देश के प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्यों के किसानों द्वारा हर साल शारीरिक रूप से यहां अवलोकन किया जाता है।
इस लाइव कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण इन किस्मों और प्रौद्योगिकियों को विकसित करने वाले प्रजनकों और वैज्ञानिकों के साथ किसानों की सीधी बातचीत थी। इस बातचीत के दौरान किसानों के प्रश्नों का समाधान किया गया।
"लाइव वर्चुअल फील्ड डिमॉन्स्ट्रेशन प्रोग्राम" की इस नवीन और अनोखा पद्धति में देश के सोयाबीन उत्पादक राज्यों के लगभग 1000 से अधिक किसानों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर)
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