23 जनवरी, 2023, आणंद
आनंद कृषि विश्वविद्यालय, आणंद में आयोजित औषधीय एवं सुगंधित पौधों तथा पान के विकास के लिए अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (23-24 जनवरी, 2023) की 30वीं वार्षिक समूह बैठक का उद्घाटन, डॉ. ए.के. सिंह, उप महानिदेशक (बागवानी विज्ञान), भाकृअनुप द्वारा किया गया।
डॉ. सिंह ने कहा कि औषधीय और सुगंधित पौधों में नवीन व्यावसायिक अवसरों का पता लगाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि औषधीय और सुगंधित पौधे फसल विविधीकरण के लिए अच्छे उम्मीदवार हो सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि औषधीय और सुगंधित पौधे स्वास्थ्य और आजीविका सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
डॉ. के.बी. कथीरिया, कुलपति, आनंद कृषि विश्वविद्यालय, आनंद ने समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने पिछले एक वर्ष के लिए एआईसीआरपी-एमएपी एंड बी की अनुसंधान उपलब्धियों को प्रस्तुत किया तथा परियोजना के तकनीकी कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए की गई कार्रवाई रिपोर्ट पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने भावी पीढ़ी के लिए देश के एमएपी के आनुवंशिक संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने खेती के तहत और अधिक औषधीय और सुगंधित पौधों को लाने का आग्रह किया क्योंकि खेती, दवा की गुणवत्ता और प्रभावकारिता सुनिश्चित करती है। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद की स्थिति के बाद से औषधीय और सुगंधित पौधों की मांग बढ़ रही है।
एआईसीआरपी-एमएपी एंड बी में परियोजना समन्वयक, डॉ. सत्यांशु कुमार ने परियोजना के उद्देश्यों की जानकारी दी और परियोजना की संभावनाओं को प्रस्तुत किया।
दो दिवसीय विचार-विमर्श के दौरान, एआईसीआरपी-एमएपीएंडबी की अनुसंधान उपलब्धियों की समीक्षा की गई और विभिन्न तकनीकी सत्रों में वर्ष 2022-23 के तकनीकी कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया।
यहां, एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन और बिजनेस डेवलपमेंट पर संवेदीकरण कार्यशाला भी आयोजित की गई। कार्यशाला के दौरान विभिन्न एआईसीआरपी केन्द्रों से 17 प्रकाशन जारी किए गए तथा प्रतिभागियों के लिए प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन आयोजित किया गया।
इस कार्यशाला में, भारत भर से 70 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-औषधीय एवं सुगंधित पादप अनुसंधान निदेशालय, आणंद)
Like on Facebook
Subscribe on Youtube
Follow on X X
Like on instagram