1 मार्च, 2023, हैदराबाद
भाकृअनुप-कुक्कुट अनुसंधान निदेशालय (डीपीआर), हैदराबाद ने आज यहां अपना 36वां संस्थान स्थापना दिवस मनाया।

श्री अधर सिन्हा, भारतीय प्रशासनिक अधिकारी, विशेष मुख्य सचिव, पशुपालन, डेयरी विकास एवं मत्स्य पालन, तेलंगाना सरकार ने मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर समारोह की शोभा बढ़ाई। उन्होंने पोषण, स्वास्थ्य और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उन्नत किस्मों और अन्य प्रौद्योगिकियों के रूप में डीपीआर के योगदान की सराहना की। श्री सिन्हा ने इस बात पर जोर दिया कि पोल्ट्री उत्पादक किसानों को इसके लाभ से जोड़ने के लिए मोरिंगा और वर्मीकम्पोस्टिंग के साथ-साथ एकीकृत खेती को बड़े पैमाने पर अपनाये जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

डॉ. आर.के. माथुर, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईओआर यहां सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कई वर्षों से डीपीआर और आईआईओआर के बीच विभिन्न सहयोगों को याद किया। साथ ही उन्होंने सोयाबीन बीज पर पोल्ट्री के भोजन के लिए निर्भरता को कम करने के लिए, पोल्ट्री फीडिंग के लिए विभिन्न अपरंपरागत तिलहन केक के उपयोग का एक नया सुझाव सबके सामने रखा।
डॉ. आर.एन. चटर्जी, निदेशक, भाकृअनुप-डीपीआर ने भारतीय कृषि परिदृश्य में पोल्ट्री के महत्व के बारे में जानकारी दी।
डॉ. यू. राजकुमार, प्रधान वैज्ञानिक ने निदेशालय की उपलब्धियों की एक झलक सबके सामने प्रस्तुत की।
यहां उपस्थित गणमान्य लोगों ने फार्म कॉम्प्लेक्स, हैचरी, मोरिंगा पोल्ट्री इंटीग्रेटेड फार्मिंग यूनिट, वर्मीकम्पोस्ट यूनिट, आईओटी (IoT) रिसर्च फैसिलिटी तथा बायोटेक फैसिलिटी का दौरा भी किया।
डॉ. के. अनीता, प्रमुख, एनबीपीजीआर-आरएस, पीवीएनआरटीवीयू, हैदराबाद तथा विश्वविद्यालय के अधिकारी तथा निदेशालय के कर्मचारियों ने कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
राष्ट्रीय एमएसएमई संस्थान, हैदराबाद में अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 10 अफ्रीकी देशों के अट्ठाईस अधिकारियों को निदेशालय के भ्रमण पर ले जाया गया और सभी लोगों ने निदेशक के साथ सामान्य बातचीत भी की।
इस कार्यक्रम के आयोजन सचिव, डॉ. बी. प्रकाश ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कुक्कुट अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद)








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