28 मार्च, 2023, राजनांदगांव, छत्तीसगढ़
भाकृअनुप-भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल ने 27 से 29 मार्च तक केवीके सुरगी, राजनांदगांव जिला, छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक खेती पर कृषि मेला-सह-कृषक संगोष्ठी का आयोजन किया। पद्मश्री द्वारा आज यहां उद्घाटन हुआ।
मुख्य अतिथि, श्रीमती फूलबासन बाई यादव, अध्यक्ष, मां बम्लेश्वरी जनहित कार्य ने फसल और मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार के लिए जैविक और प्राकृतिक खेती के तरीकों के महत्व पर जोर दिया।

इस अवसर पर आदिवासी किसानों को 30 क्विंटल धान, 10 क्विंटल ग्रीष्मकालीन हरे चने के बीज और 75 वर्मीबेड्स वितरित किए गए।
प्रगतिशील किसानों सहित लगभग 550 आदिवासी किसानों ने मेला एवं संगोष्ठी में भाग लिया।
इससे पहले 27 मार्च, 2023 को राजनांदगांव के मोहला प्रखंड के मैडिंग पिडिंग (भुरसा गांव) में आदिवासी लाभार्थी किसानों के बीच 25 वर्मीबेड्स, पपीता तथा मोरिंगा जैसे बागवानी फल फसलों के पौधे भी वितरित किए गए थे, जिसमें 100 किसानों को कृषि आय और आजीविका बढ़ाने में फलों की फसलों की महत्व के बारे में जागरूक भी किया गया था।
भाकृअनुप-आईआईएसएस, भोपाल की टीम ने भी 29 मार्च, 2023 को गोद लिए गए गांवों का दौरा किया और परियोजना गतिविधियों से संबन्धित कृषि-प्रदर्शनों की समीक्षा की।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल)








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